नई दिल्ली.
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labor Organization) ने 185 देशों में किए गए सर्वे की रिपोर्ट जारी की है. जिसके मुताबिक, दुनियाभर में 64.9 करोड़ महिलाओं को पर्याप्त मातृत्व सुरक्षा नहीं मिल रही है. इतना ही नहीं, इसमें 82 देश ऐसे हैं. जिनमें मातृत्व अवकाश को लेकर International Labor Organization (आईएलओ) के एक भी मानक को पूरा नहीं किया जा रहा है.
बता दें कि, आईएलओ ने जारी रिपोर्ट में देखभाल के संबंध में राष्ट्रीय कानूनों और प्रथाओं का वैश्विक अवलोकन प्रदान किया है. नीतियों में मातृत्व संरक्षण, पितृत्व, माता पिता और अन्य देखभाल संबंधी अवकाश नीतियां, चाइल्डकेयर और दीर्घकालिक देखभाल सेवाएं भी शामिल हैं.

दरअसल, भारत समेत 185 में से 98 देश आईएलओ के मातृत्व देखभाल के प्रमुख तीन आवश्यकताओं को पूरा करते हैं. इन प्रावधानों से 10 संभावित माताओं में से 7 को लाभ मिलता है. जिससे दुनिया में 1.2 अरब महिलाएं इन प्रावधानों से लाभांवित हो रही हैं.
10 में से सिर्फ 2 माताओं को अपर्याप्त सुरक्षा
आईएलओ की रिपोर्ट के मुताबिक, अभी 10 में से 2 संभावित माताओं को अपर्याप्त सुरक्षा और भेदभाव का खतरा बना हुआ है. ऐसे 45 देश हैं. जिनमें कानून अभी भी यह कहता है कि, मातृत्व अवकाश का पूरा भुगतान नियोक्ताओं की ओर ेसे किया जाना चाहिए. सन 2011 से अबतक 8 देशों ने ही नियोक्ता दायित्व योजनाओं को बदलकर सामाजिक सुरक्षा या मिश्रित योजनाओं को अपनाया है.
यूं समझें आंकड़ों से
- 98 देशों में मिल रहा 14 सप्ताह का मातृत्व अवकाश.
- 57 देशों में मातृत्व अवकाश के मानक के अनुसार.
- 98 देशों में मातृत्व अवकाश मानक पर खरा उतर रहा.