हैदराबाद / नई दिल्ली.
देश में विकसित भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड का कोविड-19 टीका कोवैक्सीन दो साल से 18 साल आयु तक के लिए सुरक्षित है. इस बारे मेें टीका निर्माता कंपनी की ओर से बताया गया है कि, दूसरे और तीसरे चरण की रिसर्च में कोवैक्सीन दो से 18 वर्ष आयु वर्ग के लिए सुरक्षित पाई गई है. इस टीका को लगाने से बच्चे और किशोर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई है.
भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके रिसर्च को स्वीकार किया. यह रिसर्च ‘लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीजेस’ पत्रिका में प्रकाशित हुई है. जिसके मुताबिक, भारत बायोटेक इंटरनेशनल ने जून 2021 से सितंबर 2021 के बीच दो वर्ष से 18 वर्ष आयु के स्वस्थ बच्चों और किशोरों पर इस टीके के दूसरे और तीसरे चरण का परीक्षण किया था. परीक्षण की रिपोर्ट में दो से 18 आयु वर्ग वालों को कोवैक्सीन का टीका लगाने पर उनकी कोविड से सुरक्षा, उनके शरीर पर प्रतिक्रिया और उनकी प्रतिरक्षा क्षमता की डिटेल जुटानी थी.
पांच करोड़ से अधिक खुराकें दी गईं
भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एला ने बताया कि, भारत में पांच करोड़ से अधिक खुराक बच्चों को दी गईं. जिसके आंकड़ों के आधार पर यह टीका अत्यधिक सुरक्षित साबित हुआ है. कोवैक्सीन से बच्चे सुरक्षित रहे और उनकी रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ी. रिसर्च में कोई गंभीर दुष्प्रभाव नजर नहीं आया है. जो 374 मामले सामने आए उनमें से ज्यादातर मामूली थे. उन्हें एक दिन में दूर कर लिया गया. इनमें टीका लगने की जगह पर दर्द की शिकायत सबसे ज्यादा आईं.
बच्चे और किशोरों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी
भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एला ने बताया कि, नैदानिक परीक्षण के परिणाम में यह टीका सुरक्षित पाया गया. इसका स्वास्थ्य पर कोई खास असर नहीं हुआ और इससे रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ी. यह जानकारी अक्तूबर 2021 में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को सौंपी गई. इसे छह वर्ष से 18 वर्ष की आयु के लोगों में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी मिल गई थी.