आगरा.
इंटरनेशनल फेयर ताज महोत्सव में शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी मंच से सोमवार रात सीएम सिटी गोरखपुर से आए वनटांगिया समुदाय की बकरियां चराने वाली महिला और मजदूरी करने वाले पुरुषों ने रैंपवाॅक करके जलवे दिखाए. ‘शगुन की रात’ थीम पर फैशन शो में महिला और पुरुषों ने भारतीय परंपरा की पौशाक पहनकर पेशेवर मॉडल्स की तरह खूब लटके झटके दिखाए. जब वनटांगिया समाज की महिला और पुरुषों से खास बातचीत की तो उन्होंने कहा कि, आज का दिन हमार लिए सबसे खसवा. आज हम पहली बार ट्रेन में बैठिल. यहां मंच मिलतवा . जिसकी बहुत खुशवा. बातचीत में उनका दर्द झलक उठा. बोले…सीएम योगी ने हमें नई पहचान दी. जिससे हमार परिवारों की दशा और दिशा ही बदल रही. अब दीदी सगुन सिंह शेखावत (सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता व माॅडल) ने हमार हुनर पहचान कर मंच दिया है. हम चाहते हैं कि, हमारे बच्चे पढ लिखकर अपने सपने पूरे करें. सरकारी नौकरी करें.
बता दें कि, गोरखपुर से वनटांगिया समाज की नीतू देवी, सपना साहनी, गुंजा, रिंकी, ज्योति, संगीता देवी, छोटू पासवान, रामप्रवेश, संजय, विनोद और राज आगरा आये. जिन्हें सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता व मॉडल सगुन सिंह शेखावत लेकर आईं. शिल्पग्राम के मंच से मजदूरी और बकरियां चराने वाले महिला और पुरुषों ने पेशेवर मॉडल्स की तरह लटके झटके दिखाकर दर्शकों की खूब तालियां लूटीं.
ट्रेन में बैठत से दू दिन सिर घूमत रही
छोटू पासवान ने बताया कि, पहली बार ट्रेन में बइठेलवा. जब ट्रेन चलतवा तो पहले डर लगत रहा. जब आगरा आइनें तो ट्रेन में बैठने की वजह से दू दिन तक सिर घूमत रहा वा. यहां दवा खाई. फिर तैयारी करतवा. जब मंच पर पहुंचे तो अजब सी खुशी थी. भगवान से ये शुक्र गुजारवा. योगी जी और मोदी जी हमन की कला स्वीकर करें. दिवाली में हमेशा हमरे गांव जानें बाबा. हर साल दीवाली मवानें आवतवा . जब बाबा सीएम नहीं हते वा तब से हमरे गांव में आकर दीवाली मनवत हैं. संजय ने बताया कि, मैं मजदूरी करता था. पहली बार ट्रेन में बैठकर आगरा आए हैं. यहां पर रैंपवाॅक करने आया हूं. ठीक लगतवा.
पति लेबराई करे और पत्नी बनी मॉडल
ज्योती का कहना है कि, पहले हम कहीं ना गइल. हमार तीन बच्चे वा. मैं घर तीनों में बचन को देखला. पति लेबराई करता वा. हम घर रई. जब मैडम दीदी ने कहा कि, हमार अंदर बहुत कला वा. इसे निकालो. इसलिए, मैम के साथ यहां पर आवत वा. गुंजा का कहना है कि, पहली हमें गांव से लेकर गोरखपुर में शो करवे वाली. महें बहुत बढिया लगत. अब हमरा सपना साकार होत. जैसे कहत हैं कि, कीचड से कमल खिला. वैसे ही हमार जिंदगी का अब कमल खिलतवा.
बेटी बनावे मॉडल
नीतू देवी का कहना है कि, पहली बार गोरखपुर आए. ट्रेन पहली बार देखेवा. यह तो लोहा पर चलतह. सोच कर पहले डर लगतवा . विनोद भैया का हाथ पकड कर बैठलवा. हमारे छोटा बाटा है. मेरे तीन लडके-लड़की बाटा (बच्चे) है. दूई लड़का हुए एक लड़की वा. लड़का और लड़की पढेवे. लड़का नौकरी करे और लड़की को मॉडल बानवे. वनटांगिया समाज के लिए सीएम योगी जी बहुत कुछ करतवा. एक बात बताइबे. हम कबहू इतनी सूंदर न दिखतवा. शादी में मैं सुदंर नहीं दिखतवा.
वनटांगिया समाज की कला को बाहर निकला
सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता व माॅडल सगुन सिंह शेखावत बताती हैं कि, सीएम योगी ने वनटांगिया समाज को गोद ले रखा है. मैंने अपना प्रोजेक्ट बनाकर दिया था. जो वनटांगिया समाज की कला को बाहर निकला था. मेरा मेरा प्रोजेक्ट सलेक्ट हुआ. तो पहली बार गोरखपुर महोत्सव में इन लोगों ने माॅडलिंग कराई. इसके बाद आगरा में भी मेरा प्रोजेक्ट सलेक्ट हुआ तो यहां पर इनके साथ आईं हूं. ये सब मजदूरी और जंगल में बकरियां चराने वाले हैं. माॅडलिंग के लिए पहले इनका ऑडिशन लिया था. फिर इन्हें थोड़ी मॉडलिंग की ट्रेनिंग दी. खूब रिहसर्ल कराया. जिससे यहां पर शानदार रैंपवाॅक किया है. इनके लिए करना है.
यूं पड़ा समाज का वनटांगिया नाम
बात दें कि, अंग्रेजी हुकूमतने जब रेल पटरियां बिछाई थीं तो बड़े पैमाने पर जंगलों को काटा गया था. जिसमें साखू के पेड़ों को काटा गया था. उस समय पेड़ो की कटाई की भरपाई को अंग्रेज हुकूमत ने वर्मा की मशहूर टांगिया विधि से साखू के पौधे लगाए. जिनकी देखरेख की जिम्मेदारी भूमिहीन और मजदूरों को दी. पौधों की बेहतर देखभाल के लिए तमाम लोग तब जंगल में बसाए गए. उस समय जो लोग जंगल बेस. जिन्हें ही बाद में वनटांगिया कहा जाने लगा. गोरखपुर जिले में कुसम्ही जंगल के पांच इलाकों जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन, रजही खाले टोला, रजही नर्सरी, आमबाग नर्सरी व चिलबिलवा में इनकी पांच बस्तियां वर्ष 1918 में बसीं थीं.
योगी ने ली थी समाज की सुध
बात सन 1998की है. जब पहली बार योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के सांसद बने. उन्होंने वनटांगिया बस्तियों की सुध ली. क्योंकि, तब इन बस्तियों में नक्सली अपनी गतिविधियां अंजाम देने की कोशिश में लगे थे. योगीजी ने अपने प्रयास से शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं इन बस्तियों तक पहुंचाई थीं. गुरु श्री गोरक्षनाथ अस्पताल की मोबाइल मेडिकल सेवा पहुंचाई. जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन वनटांगिया गांव में 2003 से 2007 तक तमाम कार्य कराए. योगी आदित्यनाथ पर सन 2009 में वनटांगिया बच्चों के लिए एक अस्थायी स्कूल का निर्माण कराने पर उस निर्माण को अवैध बताकर मुकदमा दर्ज करवाया गया था. सन 2009 से सीएम योगी वनटांगिया परिवारों के साथ हर साल दीपावली मनाने जाते हैं.