लखनऊ (उत्तर प्रदेश): देश और दुनिया में महिला स्वावलंबन की नजीर गुलाबी गैंग की मुखिया संपत पाल का सामान लंदन के केनसिंग्टन डिजाइन संग्रहालय में रखा जाएगा. इस बारे में ब्रिटिश संग्रहालय ने प्रतिरोध के प्रतीक के तौर पर उनसे परिधान और डंडे की मांग की है. इससे दुनियाभर से संग्रहालय में आने वाले विजिटर गुलाबी गैंग और संपत पाल के बारे में जान सकेंगे.
दरसअल, ब्रिटिश संग्रहालय की क्यूरेटोरियल प्रमुख प्रिया खानचंदानी ने पिछले दिनों गुलाबी गैंग की मुखिया संपत पाल से संपर्क किया था. दोनों की जूम मीटिंग के बाद गुलाबी गैंग के परिधान छह माह के लिए संग्रहालय में रखने पर सहमति बनी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस बारे में संपत पाल का कहना है कि, यह बुंदेलखंड, यूपी और भारत की महिलाओं के संघर्ष को वैश्विक पहचान का एक पड़ाव है. गुलाबी गैंग का एक जोड़ी परिधान (एक साड़ी, ब्लाउज, पेटीकोट) व कुछ अन्य सामग्री लंदन भेजी जाएगी.
जब सास हुई थी नाराज तो बनाया गुलाबी गैंग
बता दें कि, बांदा जिले के बिसंडा थाना क्षेत्र के गांव तैरी गांव में गुलाबी गैंग की मुखिया संपत पाल का मायका है. संपत पाल की शादी चित्रकूट के भरतकूप स्थित राउली गांव में हुई. संपत पाल बताती हैं कि, एक दिन मुझे जोर की भूख लगी थी. इसलिए, सबसे पहले खाना खा लिया था. जिससे मेरी सास बहुत नाराज हुईं. कहा कि, सबसे पहले परिवार के पुरुष भोजन करते हैं. बस आत्मनिर्भर बनने की ठान ली. सबसे पहले महिला समूह बनाया. जिसके. जरिए बाल-विवाह, महिला हिंसा आदि के विरोध में आवाज उठाने लगीं.
गुलाबी गैंग की 11 लाख सदस्य
गुलाबी गैंग की मुखिया संपत पाल बताती हैं कि,
12 फरवरी 2006 को संगठन बनाया था. गुलाबी गैंग की हर महिला गुलाबी रंग साड़ी पहनती है. समानता के लिए हमने गुलाबी परिधान का चयन किया. अब देश में गुलाबी गैंग में 11 लाख से अधिक सदस्य हैं.
यूं हुईं मशहूर
- सन 2006 में गुलाबी गैंग की सुशीला के पति प्यारेलाल को अतर्रा पुलिस ने पकड़ लिया था. उसे 11 दिन पुलिस बैठाए रही. जब संपत पाल थाने पहुंचीं और 300 महिलाओं को कुत्तों के साथ बुलाया. इस पर पुलिस ने सुशीला के पति को छोड़ दिया.
- सन् 2017 में छिंदवाड़ा में गुलाबी गैंग की प्रभारी पूर्णिमा ने स्टेशन पर शराब की आठ दुकानों से महिलाओं को होने वाली समस्या बताई. इस पर गैंग के साथ संपत छिंदवाड़ा पहुंचीं. विरोध किया तो प्रशासन को दुकानें हटवानी पड़ीं.