Agra News: सीएम पोर्टल पर शिकायत की. सीएम पोर्टल पर पुष्पांजिल हॉस्पिटल में इलाज के दौरान बरती गई लापरवाही की जांच के लिए आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने छह विशेषज्ञ डॉक्टर्स की एक जांच कमेटी बनाई. बीते दिनों जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सीएमओ दी. जिसमें सामने आया कि हॉस्पिटल संचालक और डॉक्टर्स के लिखित बयान भी शामिल हैं.
आगरा, उत्तर प्रदेश
Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित बहुचर्चित पुष्पांजलि हॉस्पिटल (Pushpanjali Hospital in Agra) में इलाज के दौरान बरती लापरवाही से महिला मरीज कोमा (coma) में है. महिला पांच माह से दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल (Sir Gangaram Hospital in Delhi) में जिंदगी से जूझ रही है. परिजन ने महिला मरीज लो ब्लड प्रेशर और कमजोरी के चलते पुष्पांजलि हास्पिटल में भर्ती कराई थी. जहां पर चिकित्सक ने सोडियम की कमी होने की कहकर भर्ती किया और उसे तेज गति से सोडियम इन्फ्यूजन और हायर एंटीबायोटिक दीं. जिससे महिला मरीज के हाथ पैर शिथिल (सेंट्रल पॉटीन माइलिनोलिसिस) हो गए. Central Pterygium Myelinolysis (CPM) की वजह से उसकी हालत बिगड़ती चली गई. जिस पर हॉस्पिटल प्रशासन ने उसे रेफर दिल्ली रेफर कर दिया. तभी से करीब पांच माह से महिला मरीज का दिल्ली में उपचार चल रहा था. अब तक करीब 50 लाख रुपये खर्च होने का परिवार दावा कर रहा है. मगर, उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हैं. पीडिता के पति की शिकायत पर आगरा सीएमओ ने छह सदस्यीय डॉक्टर्स की टीम से जांच कराई. जिसमें पुष्पांजिल हॉस्पिटल के चिकित्सक और प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है. सीएमओ ने अपनी जांच रिपोर्ट भी शासन को भेज दी है.

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में स्थित सिरसागंज निवासी व्यापारी राजेश कुमार जैन ने बताया कि नौ मई 2024 को 62 वर्ष की पत्नी मधु जैन का लो ब्लड प्रेशर और कमजोरी होने पर डॉ. विश्व दीपक से फोन पर संपर्क किया. डॉक्टर की सलाह पर पुष्पांजलि हॉस्पिटल में पत्नी मधु जैन को भर्ती कराया. हॉस्पिटल में विशेषज्ञ की टीम ने उन्हें देखका इलाज शुरू किया. मगर, मधु जैन की तबियत सुधार होने की बजाय बिगड़ती चली गई. जिस पर 13 मई 2024 को गंभीर हालत यानी कोमा में उन्हें दिल्ली के लिए रेफर कर दिया. दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में पत्नी मधु जैन को भर्ती कराया. वहां पर डॉक्टर्स ने जांच कराई और बताया कि पत्नी के कोमा में जाने की वजह सीपीएम है.
Agra News: छह विशेषज्ञ डॉक्टर्स की कमेटी ने की जांच Committee of six specialist doctors conducted the investigation
व्यापारी राजेश कुमार जैन ने बताया कि, मैंने सीएम पोर्टल पर शिकायत की. सीएम पोर्टल पर पुष्पांजिल हॉस्पिटल में इलाज के दौरान बरती गई लापरवाही की जांच के लिए आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने छह विशेषज्ञ डॉक्टर्स की एक जांच कमेटी बनाई. बीते दिनों जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सीएमओ दी. जिसमें सामने आया कि हॉस्पिटल संचालक और डॉक्टर्स के लिखित बयान भी शामिल हैं.

बीएचटी में सीपीएम नहीं लिखा (CPM not written in BHT)
व्यापारी राजेश कुमार जैन ने बताया कि पुष्पांजलि हॉस्पिटल में डॉ. विश्व दीपक की निगरानी में हो रहा था. जिन डॉक्टर्स की टीम ने पत्नी मधु जैन को देखा उन्होंने भी बयान दिए हैं. जिसमें मुख्य दवाई हायपरटोनिक सैलाइन (सोडियम इन्फ्यूजन) और हायर एंटीबायोटिक देने को नहीं देने की बात कही है. जबकि मरीज को ये दोनों दवाएं दी गईं. जब ये दवाएं पत्नी मधु जैन को दी गईं थीं. उस दौरान डॉ. विश्व दीपक मौजूद नहीं थे. ना ही उन्होंने अन्य किसी डॉक्टर को भी नामित नहीं किया था. हॉस्पिटल में एंडोक्रोनोलाजिस्ट और नेफ्रोलाजिस्ट होने के बाद भी उनसे परामर्श नहीं लिया गया. करीब 16 घंटे बाद डॉ. विश्व दीपक ने मरीज का इलाज किया. लेकिन, बेड हेड टिकट (बीएचटी) में सीपीएम नहीं लिखा है. हॉस्पिटल प्रबंधन ने इलाज में बरती लापरवाही छिपाने के लिए ये सब किया है.
टूट चुका है परिवार (The family is broken)
व्यापारी राजेश कुमार जैन का कहना है कि पुष्पांजलि हॉस्पिटल ने चार दिन इलाज के सवा लाख रुपये जमा कराए. अभी तक पत्नी के उपचार में 50 लाख रुपये खर्च हो चुके है. पत्नी कोमा में है. परिवार उनकी हालत देख पूरा परिवार टूट चुका है. परिवार का कारोबार भी प्रभावित हुआ है. सभी उनके उपचार के चलते दिल्ली में हैं. ऐसे में कारोबार भी बंद होने वाला है.

इस कमेटी ने की जांच (This committee investigated)
पीडित व्यापारी की सीएम पोर्टल पर शिकायत के बाद आगरा के सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने एसीएमओ डॉ. अमित रावत की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की. जिसमें एनेस्थेसिस्ट डॉ. स्नेहिल गुप्ता, फिजीशियन डॉ. भाग्यश्री एस शाबी, एसएन मेडिकल कालेज के न्यूरोफिजीशियन डॉ. नवनीत कुमार अग्रवाल, एंडोक्रोनालाजिस्ट डॉ. धर्मेंद्र तिवारी और नेफ्रोलाजिस्ट डॉ. अपूर्व जैन शामिल किए. जिन्होंने ही पीडित की शिकायत पर जांच करके अपनी रिपोर्ट सीएमओ को दी है.
सोडियम करेक्शन की निर्धारित मात्रा जरूरी (This committee investigated)
एसएन मेडिकल कालेज के आइसीयू प्रभारी डॉ. अतिहर्ष मोहन बताते हैं कि 135 से 140 सोडियम होना चाहिए. सोडियम की कमी होने पर 24 घंटे में इन्फ्यूजन के माध्यम से इतना सोडियम दिया जाता है कि 10 से 12 यूनिट ही बढ़े. नार्मल स्लाइन में 0.9 प्रतिशत सोडियम होता है. जबकि हायपरटोनिक सैलाइन में तीन प्रतिशत सैलाइन होता है. इसे भी बेहद धीमी गति से दिया जाता है. सीपीएम में तंत्रिका तंत्र की कोशिकाएं प्रभावित हो जाती हैं. जिससे मरीज के हाथ पैर शिथिल पड़ जाते है. जिसके बाद मरीज में सुधार की उम्मीद बहुत कम रहती है.
जांच रिपोर्ट पर आपत्ति जताई (Objection raised on the investigation report)
इस बारे में पुष्पांजलि हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. आरके शर्मा बताते हैं कि मरीज मधु जैन के इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है. जांच कमेटी ने सही तरह से इस मामले में साक्ष्य संकलन नहीं है. इसलिए, ये जांच रिपोर्ट दी है. हम पर अपनी आपत्ति कराएंगे. इसके साथ ही डॉ. विश्व दीपक ने इस बारे में कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया.
जांच रिपोर्ट डीएम को भेजने के साथ सीएम पोर्टल पर की अपलोड (Investigation report sent to DM and uploaded on CM portal)
आगरा सीएमओ डॉ. अरुण प्रकाश ने बताया कि शिकायत मिलने पर डॉक्टर्स की एक जांच कमेटी गठित की थी. जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सोडियम ज्यादा गति से देने और मरीज के इलाज में लापरवाही बरतने की जानकारी दी है. इस रिपोर्ट को अब डीएम आगरा समेत सीएम पोर्टल पर भी अपलोड कर दी है. इसके साथ ही जांच रिपोर्ट की एक प्रति आइएमए की आगरा शाखा को भी रिपोर्ट भेजी है.