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Dr. OA Sharma Award: प्रोफ़ेसर गजेंद्र विक्रम सिंह को टीबी मरीजों पर किए गए शोध के लिए प्रतिष्ठित डॉ. ओए शर्मा ओरेशन अवॉर्ड मिला है. उन्होंने पोस्ट टीबी लंग डिसीज़ के मरीजों को होने वाली परेशानियों एवं उपचार पर शोध किया है.
जयपुर, राजस्थान
Dr. OA Sharma Award: राजस्थान की राजधानी जयपुर में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन ‘नेटकॉन 2024’ (‘NATCON 2024’) में उत्तर प्रदेश क्षय रोग उन्मूलन स्टेट टास्क फोर्स (Uttar Pradesh Tuberculosis Eradication State Task Force) के अध्यक्ष डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह (Dr. Gajendra Vikram Singh) को सम्मानित किया गया. डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज आगरा (Sarojini Naidu Medical College, Agra) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागध्यक्ष भी हैं. ट्यूबरकुलोसिस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Tuberculosis Association of India) ने डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह को को क्षय रोगियों के चिकित्सा में अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के लिए प्रतिष्ठित डॉ. ओए शर्मा ओरेशन अवॉर्ड (Dr. OA Sharma Award) प्रदान किया गया. उन्होंने पोस्ट टीबी लंग डिसीज़ के मरीजों को होने वाली परेशानियों और उपचार पर शोध किया है. ये राष्ट्रीय स्तर का चिकित्सा के क्षेत्र में मिलने अति प्रातिष्ठित अवॉर्ड है.
बता दें कि जयपुर में क्षय और वक्ष रोगों पर 79 वें राष्ट्रीय सम्मेलन, ‘नेटकॉन 2024’ (‘NATCON 2024’) आयोजित किया जा रहा है. जिसमें देश से टीबी के क्षेत्र में विशेष योगदान करने वाले विशेषज्ञ शामिल हुए हैं. इसमें राष्ट्रीय सम्मेलन में एसएनएमसी के प्रोफेसर (Dr. Gajendra Vikram Singh) डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह को सम्मानित किया गया. ये डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह, आगरा और एसएन मेडिकल कॉलेज (SNMC) के लिए गौरवान्वित करने वाला क्षण रहा. जब डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह को नेशनल स्तर का पुरुस्कार प्रदान किया गया.

शोध की बातें सुनकर चौंके विशेषज्ञ (Experts were shocked to hear the research)
डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह ने टीबी की बीमारी ठीक होने के बाद भी मरीज़ों के जीवन की सेहत पर होने वाले दुष्प्रभावों पर किए गए अनुसंधानों पर अपना व्याख्यान दिया. जिसका शीर्षक ‘पोस्ट-ट्यूबरकुलोसिस लंग डिजीज: द अनफिनिश्ड बैटल अगेंस्ट टीबी’ (Post-Tuberculosis Lung Disease: The Unfinished Battle Against TB) रहा. जिसे देश के अलग अलग प्रदेशों से आए विशेषज्ञ चिकित्सकों के सामने उन्होंने व्याख्यान दिया तो सभी चौंक गए. उन्होंने उनके अनुसंधान पर तालियां बजाकर उत्साहवर्धन किया.

विश्व में इस समय लगभग 15 करोड़ टीबी सर्वाइवर (There are about 15 crore TB survivors in the world at present)
डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह ने व्याख्यान में प्रमाणों के जरिए इलाज के पूर्ण होने के बाद भी लगभग 50 प्रतिशत क्षय रोगी जीवनपर्यंत रोग के कारण अंगों में होने वाली विकृतियों से पीड़ित रहने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि विश्व भर में इस समय लगभग 15 करोड़ लोग टीबी सर्वाइवर है. अर्थात् क्षय रोग सही होने के बाद जीवित है. जिनमें से आधे से अधिक टीबी उपरांत होने वाली बीमारियों से जूझ रहे है. देश तथा विदेशों के क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रमों में केवल क्षय रोगियों के कीटाणु मुक्त होने पर ही उपचार केंद्रित रहता है. लेकिन पोस्ट टीबी रोगों पर कोई ठोस दिशा निर्देश नहीं हैं.
पल्मोनरी रिहेबिलिटेशन कार्यक्रम में ऐसे रोगियों का उपचार (Treatment of such patients in pulmonary rehabilitation program)
डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि इन रोगियों में मृत्यु होने की संभावना भी सामान्य लोगों की अपेक्षा तीन गुना अधिक होती है. अभी तक ऐसी कोई औषधि या तकनीक ज्ञात नहीं है. जो क्षय रोग के बाद होने वाले दुष्प्रभावों को रोक सके. ऐसे में टीबी संक्रमण और रोग से बचाव ही सर्वोत्तम बचाव उपलब्ध है. डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि पल्मोनरी रिहेबिलिटेशन कार्यक्रम ऐसे रोगियों के उपचार का विश्वसनीय उपाय है. जिसे एसएन के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में ऐसे रोगियों पर विभाग में किए कि शोध द्वारा भी देखा गया है.
प्राचार्य ने शुभकामनाएं और बधाई दी (The Principal gave best wishes and congratulations)
एसएनएमसी के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने राष्ट्रीय स्तर पर डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह को सम्मानित किए जाने वपर उन्हें शुभकामनाएं और बधाई. उन्होंने कहा कि सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज आगरा अपने गौरवशाली इतिहास के पथ पर अग्रसरित होते हुए देश एवम् विदेश में चिकित्सा के क्षेत्र में निरंतर योगदान दे रहा है. जिसके लिए सभी डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह को बधाई.