Cancer Awareness Day: सन 2014 से दुनिया में हर साल 7 नवंबर को विश्व कैंसर अवेयरनेस दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने के पीछे का मकसद लोगों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरूक करना है. इस दिन को मनाकर कैंसर के मरीजों का हौंसला बढ़ाया जाता है.
Cancer Awareness Day: कैंसर यानी एक ऐसा नाम. जिसके बोलने और सुनने वाला एक पल के लिए ठहर जाता है. हर किसी का दिल और दिमाग कैंसर के नाम आते ही सिहर जाता है. क्योंकि, कैंसर एक गंभीर बीमारी है. जो हर साल दुनियां में लाखों लोगों की जिंदगी निगल रही है. विश्व की बात करें तो हर साल कैंसर से लोग पीड़ित होते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट की मानें तो सन 2020 में कैंसर बीमारी की वजह से 10 मिलियन लोगों की मौत हुई थी.
नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे का इतिहास (National Cancer Awareness Day History in Hindi)
बता दें कि दुनिया में कैंसर अवेयरनेस डे पहली बार साल 2014 में मनाया गया था. इस दिन की शुरूआत भारत के तत्कालीन सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टर डॉ. हर्षवर्धन ने गई थी. इसके पीछे का मकसद लोगों में कैंसर बीमारी को लेकर जागरुक करना था. जिससे कैंसर का जल्दी पता लगाया जा सके. जिससे कैंसर का समय से इलाज शुरू करके उसे ठीक किया जा सके. सन साल 1975 में कैंसर के इलाज की सुविधाएं खोजने के लिए भी एक समिति बनाकर एक कार्यक्रम शुरू किया गया था.
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नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे का महत्व (National Cancer Awareness Day Significance in Hindi)
नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे मनाने का मकसद कैंसर बीमारी के बढ़ते मामलों के प्रति जागरूकता फैलाना है. इसके चलते ही इस दिन हेल्थ एक्सपर्ट्स की ओर से जगह-जगह पर सेमिनार समेत अन्य कार्यक्रम होते हैं. जिनमें लोगों को कैंसर से बचाव के टिप्स देने के साथ ही जल्द कैंसर का कैसे पता चले. ये जानकारी दी जाती है. इसके साथ ही तमाम कार्यक्रम में कैंसर से जूझने वाले मरीजों का हौंसला बढ़ाया जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो अपनी जीवनशैली और खानपान में बदलाव करके कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है.
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Cancer Awareness Day: जागरुकता से अस्पतालों में बढ रहे मरीज (atients in hospitals are increasing due to awareness)
आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की कैंसर विभागाध्यक्ष डॉ. सुरभि गुप्ता बताती हैं कि अभी देखा जाए तो करीब 30 तरह के कैंसर बेहद खतरनाक हैं. हर कैंसर का ग्राफ तेजी से बढ रहा है. इसकी वजह ये है कि कैंसर के प्रति जो समाज में जागरुकता बढ रही है. इससे वे जल्द ही लक्षण समझ कर अस्पताल आ रहे हैं. देश में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए किशोरी और महिलाओं में वैक्सीन लगाने का काम तेजी से चल रहा है. ये अच्छी पहल है.

ये हैं 30 तरह के कैंसर (These are the 30 types of cancer)
- मुंह का कैंसर (Mouth cancer)
- लार के ग्लैंड का कैंसर (Salivary gland cancer)
- पित्तनली का कैंसर (Biliary duct cancer)
- गॉल ब्लैडर का कैंसर (Gall bladder cancer)
- पैंक्रिअस कैंसर (Pancreas cancer)
- किडनी का कैंसर (Kidney cancer)
- आंख का कैंसर (Eye cancer)
- थायरॉयड कैंसर (Thyroid cancer)
- नाक-गले और टॉन्सिल का कैंसर (Nose-throat and tonsil cancer)
- खाने की नली का कैंसर (Easy pipe cancer)
- पैंक्रिअस कैंसर (Pancreas cancer)
- नाक का कैंसर (Nose cancer)
- लैरिंक्स कैंसर (Larynx cancer)
- ल्यूकीमिया (Leukemia)
- ब्रेन और सेंट्रल नर्वस सिस्टम का कैंसर (Brain and central nervous system cancer)
- पेट का कैंसर (Stomach cancer Cancer)
- आंत का कैंसर (Intestinal cancer)
- मलाशय का कैंसर (Rectal cancer)
- लंग कैसर (Lung cancer)
- हड्डियों का कैंसर (Bone cancer)
- सिस्टम का कैंसर (Systemic cancer)
- पेनिस कैंसर (Penis cancer)
- प्रोस्टेट और टेस्टिस कैंसर (Prostate and testis cancer)
- गुदा का कैंसर (Anal cancer)
- लिवर का कैंसर (Liver cancer)
- स्किन कैंसर (Skin cancer)
- यूरिनरी ब्लैडर कैंसर (Urinary bladder cancer)
कैंसर की ये लिस्ट वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) तैयार की है. इस लिस्ट में मौजूद हर चीज हर व्यक्ति पर एक जैसा असर नहीं डालती है. इस बात से भी फर्क पड़ता है कि किसी कैंसरकारक चीज से संपर्क में कैसे आए और कितनी देर तक संपर्क में रहे.
कैसे संभंव है कैंसर का इलाज (How is cancer treatment possible?)
आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की कैंसर विभागाध्यक्ष डॉ. सुरभि गुप्ता बताती हैं कि कैंसर की बात की जाए तो इस बीमारी को समय रहते अगर आप पहचान लेते हैं तो इलाज संभंव हो जाता है. व्यक्ति के शरीर में कैंसर कितना फैला है और किस स्टेज में है. इस बात पर इलाज निर्भर करता है.
- -कीमोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी, इम्यूनो थेरेपी, रेडिएशन थेरेपी आदि जैसे इलाज के विकल्प कैंसर के इलाज में किए जाते हैं.
- -कैंसर इलाज का तरीका इस बात पर भी निर्भर करता है कि मरीज की सेहत कैसी है और उसकी फैमिली हिस्ट्री क्या है.
- -अगर शुरुआत में ही कैंसर को पकड़ लिया जाता है तो काफी आसानी से इसे ठीक किया जा सकता है.