ISOCON-2024: यूपी में पहली बार तीन दिवसीय 32वीं इंडियन सोसायटी ऑफ ऑटोलॉजी की वार्षिक राष्ट्रीय कार्यशाला आगरा सपन्न हुई. जिसमें 300 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए. कार्याशाला में 1200 से अधिक ईएनटी विशेषज्ञ आए. जिन्होंने कान की बीमारियों, नई तकनीक व इलाज पर मंथन किया.
आगरा, उत्तर प्रदेश
ISOCON-2024: जुकाम में बेवजह दवा लेना खतरनाक रह सकता है. सामान्यतः जुकाम को रोकने के बजाय उसे बहने दें. स्वास्थ्य के लिए ये लाभकारी है. जुकाम रोकने पर कफ कान के रास्ते बाहर आने से कान बहने, बदबू व कान की हड्डी गलने तक की गम्भीर समस्या हो सकती है. कान की नसें खराब होने पर चेहरे पर टेड़ापन और सुनने में समस्या होने लगती है. ये जानकारी आगरा में आयोजित ISOCON-2024 में बैंगलुरू से इंडियन सोसायटी ऑफ ऑटोलाजी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विजेन्द्र ने दी. उन्होंने बताया कि कान की हड्डी गलने पर यदि ऑपरेशन ठीक तरह से न किया जाए तो समस्या दोबारा भी पैदा सकती है.
बता दें कि आगरा के फतेहाबाद रोड स्थित होटल जेपी में आयोजित तीन दिवसीय इंडियन सोसायटी ऑफ ऑटोलॉजी (ISOCON-2024) की 32वीं राष्ट्रीय वार्षिक कार्यशाला का रविवार को समापन हो गया. जिसमें बैंगलुरू से इंडियन सोसायटी ऑफ ऑटोलाजी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विजेन्द्र (बैंगलुरू) आए. उन्होंने कान की हड्डी गलने पर ऑपरेशन और सर्जरी की जानकारी दी.

ISOCON-2024: जुकाम होने पर दवा नहीं, आराम करें (Do not take medicine if you have a cold, take rest)
पंजबा के बटिंडा से आए डॉ. ग्रेस बुद्धिराजा ने बताया कि कान के ऑपरेशन भी माइक्रोस्कोप के बजाय एंडोस्कोप विधि से अधिक किए जा रहे हैं. जिससे ऑपरेशन के दौरान आने जटिलताएं कम हो रही हैं. डॉ. धर्मेन्द्र गुप्ता ने बताया कि जुकाम सामान्यतः वायरस से होता है. जिसमें दवा नहीं, मरीज को आराम करना चाहिए. जब तक कफ में पीलापन न हो जुकाम में दवा लेने की आवश्यकता नहीं है. कफ में पीलापन का मतलब है कि सैकेन्ड्री इनफेक्शन यानि बैक्टीरियल इनफेक्शन है. तभी एंडीबायटिक दवाओं का प्रयोग करना उचित है. कई बार लोग डॉक्टर की बिना सलाह से बेवजह दवा लेते हैं. जिससे कान में समस्या हो सकती है.

ISOCON-2024: ताजनगरी में पहली बार हुई ऑटोलॉजी की नेशनल कार्यशाला (National workshop on Otology)
उप्र में पहली बार ऑटोलॉजी की (ISOCON-2024) कार्यशाला आगरा में हुई. जो सफल हुई है. तीन दिवसीय आईसोकॉन (इंडियन सोसायटी ऑफ आटोलॉजी) की 32वीं राष्ट्रीय वार्षिक कार्यशाला के सफलता पूर्वक सम्पन्न होन पर आयोजन सचिव डॉ. राजीव पचौरी ने सभी सहयोगियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर धन्यवाद किया. कार्यशाला में आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. सतीश जैन ने शांतिवेद हॉस्पीटल से 8 लाइव ऑपरेशन भी किए गए.
ISOCON-2024: 1200 से अधिक ईएनटी विशेषज्ञ ने किया प्रतिभाग (1200 ENT specialists participated)
कार्यशाला में देश विदेश से 1200 से अधिक ईएनटी विशेषज्ञ ने कान की बीमारी व एडवांस इलाज पर मंथन किया. कार्यशाला में 300 से अधिक शोधपत्र व पीजी स्टूडेंटस के लिए क्विज का आयोजन किया गया. सभी विजेता प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजय खन्ना व डॉ. रितु गुप्ता ने किया. इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. गौरव खंडेलवाल, डॉ. आलोक मित्तल, डॉ. राकेश अग्रवाल, डॉ. मनीष सिंघल, डॉ. एलके गुप्ता, डॉ. दीपा पचौरी आदि उपस्थित रहे.