UP News: आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में पीआईसीयू-एनआईसीयू में भी जीवन रक्षक उपकरण बढ़ेंगे. एसएनएमसी प्रशासन ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है. जिससे मदर नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट में गंभीर बीमार शिशु के साथ मां भी हर सकेंगी.
आगरा, उत्तर प्रदेश.
UP News: उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित एसएन मेडिकल कॉलेज (SN Medical College, Agra ) का बाल रोग विभाग प्रदेश में मॉडल बनेगा. जिसकी प्रस्ताव एसएनएमसी (SNMC) प्रशासन ने तैयार किया है. जिसके मुताबिक, बाल रोग विभाग के लिए नया बहुमंजिला भवन बनेगा. जहां पर 200 बेड के साथ ही जीवनरक्षक उपकरण लगाए जाएंगे. जिससे नवजात शिशु और बच्चों से जुड़ी सभी तरह की बीमारियों का बेहतर उपचार और सर्जरी भी का सकेगी. नए विभाग में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) आधारित प्रयोगशाला और ऑपरेशन थिएटर होंगे. एसएनएमसी ने यह प्रस्ताव बनाकर शासन (UP News) को भेज दिया है.
बता दें कि एसएनएमसी के बाल रोग विभाग में अभी 100 बेड हैं. जिसमें नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) और पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिटर (पीआईसीयू) में 32 बेड हैं. बाल रोग विभाग में अब 100 बेड बढ़ाए जाएंगे. जिससे एनआईसीयू में 50 और पीआईसीयू में 25 बेड किए जाएंगे. इसके साथ ही विभाग में आधुनिक जीवन रक्षक उपकरण लगेंगे. एसएनएमसी प्रशासन ने बाल रोग विभाग के वार्ड में 100 बेड और बढ़ाए होने का प्रस्ताव बनाया है.

यह विभाग भी बनाए जाएंगे (These departments will also be built)
एसएनएमसी के बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. नीरज यादव ने बताया कि बाल रोग विभाग के लिए बनाए जाने वाले नए भवन में न्यूरो, गेस्ट्रो, कार्डियो विभाग, रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग भी बनाए जाएंगे. इन विभागों में मस्तिष्क, हृदय, पेट रोग और वक्ष रोग से जुड़ी बीमारियों के विशेषज्ञ नियुक्त किए जाएंगे. जिससे एसएनएमसी में नवताज शिशु और बच्चों को बेहतर उपचार और सर्जरी की सुविधा मिल सकेगी. इसके साथ ही हर विभाग में ओपीडी की भी सुविधा होगी. एसएनएमसी प्रशासन ने बाल रोग विभाग की नए भवन में बीमारियों की जांच, इलाज और सर्जरी की सुविधा हो जाएगी. उन्होंने बताया कि बाल रोग विभाग में एआई (AI) आधारित लैब, ओटी से बच्चों की बीमारियों का इलाज और सर्जरी वैज्ञानिक ढंग से हो सकेगी, इससे मरीजों को दूसरे शहरों में इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा.

SNMC ने शासन को भेजा प्रस्ताव (SNMC sent proposal to the government)
प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि बाल रोग विभाग को मॉडल बनाया जाएगा। इसमें बच्चों से जुड़ी किसी तरह की बीमारी की जांच, इलाज और सर्जरी की एक ही इमारत में सुविधा मिलेगी। शासन को प्रस्ताव भेज दिया है, इस पर संबंधित अधिकारियों के साथ वार्ता भी हुई है।
आईसीयू में शिशु संग मां भी रहेंगी
बता दें कि एसएनएमसी के बाल रोग विभाग में मदर नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एमएनसीयू) भी बनेगी. जिससे गंभीर हालत वाले शिशुओं का बेहतर इलाज किया जा सके. यहां पर शिशु की मां भी रह सकेगी. इसके लिए यूनिट में अलग से व्यवस्था की जाएगी. इससे शिशु के इलाज के दौरान मां की मौजूदगी रहेगी. ये पहली बार व्यवस्था की जा रही है.