UP News: बदायूं के जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में सुविधा नहीं होने से भर्ती चार गंभीर नवजात शिशु की जान चली गई. डॉक्टर्स का दावा है कि सीपैप और वेंटिलेटर सपोर्ट के लिए नवजात शिशुओं को बेहर उपचार के लिए रेफर किया था.
बदायूं, उत्तर प्रदेश.
UP News: बदायूं के जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू (SNCU) वार्ड में भर्ती चार नवजातों की सीपैप और वेंटिलेटर (Ventilator) सपोर्ट नहीं मिलने से 12 घंटे के भीतर मौत हो गई. डॉक्टर्स के मुताबिक चारों नवजात प्री मेच्योर (Premature Delivery) डिलीवरी के बाद पैदा हुए थे. उनकी सांस लेने में दिक्कत व वजन कम होने की वजह से मौत हुई है. गंभीर हालत में वेंटिलेटर सपोर्ट सिस्टम नहीं होने के कारण डॉक्टर ने चारों को हायर सेंटर रेफर किया था. मगर, परिवारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण परिजनों ने नवजातों को हायर सेंटर ले जाने में असमर्थता जताई, जिसके चलते चारों ने दम तोड़ दिया.
बता दें कि दातागंज कोतवाली क्षेत्र के समरेर निवासी विपिन सागर ने प्रसव पीड़ा होने पर 23 वर्षीय पत्नी रेनू को पांच जून को समरेर सीएचसी पर भर्ती कराया था. जहां सामान्य प्री मेच्योर डिलीवरी हुई. जिससे जुड़वा बच्चे पैदा हुए. जिसमें एक बच्चा एक किलो सौ ग्राम का व दूसरा एक किलो 350 ग्राम का था. दोनों नवजातों की हालत गंभीर होने पर जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था. जहां पर डॉक्टर्स ने जांच की तो दोनों ही नवजात सांस रोग से ग्रसित निकले. प्री मेच्योर डिलीवरी की वजह से दोनों दोनों का वजन बेहद कम था. शनिवार में दोनों नवजातों ने दम तोड़ दिया. दातागंज कोतवाली क्षेत्र के ही जयपालपुर निवासी 24 वर्षीय प्रेमलता को पांच जून को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया था. यहां महिला ने दो किलो वजन की बच्ची को जन्म दिया था. बाद में बच्ची की हालत बिगड़ी तो उसे उसी दिन एसएनसीयू वार्ड में भर्ती करकरके उपचार शुरू किया. डॉक्टर्स का कहना है कि बच्ची सांस रोग से ग्रसित मिली थी.

डॉक्टर बोले, बच्चों को सीपैप व वेंटिलेटर की जरूरत थी
डॉ. संदीप वार्ष्णेंय ने बताया कि एसएनसीयू में भर्ती जुड़वा बच्चे प्री मेच्योर डिलीवरी की वजह से उनका वजह बेहद कम था. दोनों बच्चे सांस रोग से ग्रसित मिले. नवजात बच्ची इंफेक्शन के साथ सांस रोग से ग्रसित थी. इसके साथ ही कादरचौक से लाकर भर्ती किए गए बच्चे का ब्लड प्रेशर कम होने के साथ ही वह सांस रोग व इंफेक्शन से ग्रसित था. कहें तो चारों नवजात शिशु को सीपैप व वेंटिलेटर सपोर्ट सिस्टम की जरूरत थी. इसी वजह से तीन शिशु को हायर सेंटर रेफर किया गया.
वेंटिलेटर के लिए शासन को लिखेंगे पत्र
बदायूं के जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. इंदुकांत वर्मा ने बताया कि नवजातों की गंभीर हालत देख परिजनों को हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी गई. परिजनों ने हायर सेंटर ले जाने में असमर्थता जताई थी. चारों नवजात शिशु प्री मेच्योर पैदा हुए थे. जिसकी वजह से वजन काफी कम था. इसके साथ ही सांस व इंफेक्शन से ग्रसित थे. अस्पताल में वेटिलेटर के लिये शासन को फिर पत्र लिखा जाएगा.