Nipah Virus: निपाह वायरस देश और दुनिया में निपाह वायरस चमगादड़ों के माध्यम से फैलता है. भारत में कई बार निपाह वायरस का प्रकोप सामने आया है. इस वायरस में 50% से अधिक मृत्यु दर है. इसलिए, यह सबसे घातक वायरल रोगों में से एक है.
नई दिल्ली
Nipah virus: देश में अब निपाह वायरस का पता मिनटों में लगाया जा सकेगा. इसको लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) के तहत पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (National Institute of Virology) ने वायरस (Nipah Virus) की जांच के लिए एक पोर्टेबल (portable) ‘प्वाइंट-ऑफ-केयर’ किट (point-of-care’ kit) विकसित की है. जिसका उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में जल्द इस्तेमाल में लाया जाएगा.
एनआईवी के निदेशक डॉ. नवीन कुमार ने बताया कि निपाह (Nipah Virus) की जांच के लिए बनाई गई किट प्रयोगशाला के बाहर भी तुरंत जांच के परिणाम दे सकती है. इस किट को जल्द ही केरल तथा पश्चिम बंगाल जैसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में इस्तेमाल में किया जाएगा. एनआईवी के निदेशक डॉ. नवीन कुमार ने बताया कि हमने निपाह वायरस (Nipah Virus) का त्वरित और विश्वसनीय तरीके से पता लगाने के लिए पोर्टेबल किट विकसित की है. यह प्रयोगशाला की जरूरत के बिना कुछ ही मिनटों में परिणाम देती है. किट का पेटेंट भी कराया गया है.

निपाह वायरस के स्वदेशी टीका पर रिसर्च जारी (Research continues on indigenous vaccine for Nipah virus)
एनआईवी के निदेशक डॉ. नवीन कुमार ने बताया कि निपाह संक्रमण के इलाज के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी विकसित करने के वास्ते एनआईवी एक फार्मा कंपनी और अनुसंधान साझेदारों के साथ काम कर रहा है. इसके अतिरिक्त संस्थान ने निपाह वायरस के लिए एक स्वदेशी टीके के विकास पर भी काम कर रहा है.
क्या है निपाह वायरस (What is Nipah virus)
निपाह वायरस मुख्य रूप से चमगादड़ों (फ्रूट बैट) के माध्यम से फैलता है. भारत में कई बार इसका प्रकोप देखा जा चुका है. इस वायरस की पचास प्रतिशत से अधिक मृत्यु दर है. इसलिए, यह सबसे घातक वायरल रोगों में से एक है. वायरस का यह स्वरूप ‘जीनोटाइप बी’ तेजी से फैलता है और गंभीर लक्षण पैदा करता है. जबकि, मलेशियाई स्वरूप (जीनोटाइप एम) तुलनात्मक रूप से कम संक्रामक है. पिछले एक दशक में भारत में निपाह वायरस के अधिकांश मामले केरल और पश्चिम बंगाल से सामने आए हैं.