Bihar News: प्रदेश में अब नौ निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ट्राॅमा केयर सेंटर बनेंगे. जिससे सड़क दुर्घटना के घायलों के इलाज से अब निजी मेडिकल कॉलेज भी इनकार नहीं कर सकेंगे. इस बारे में निजी मेडिकल कॉलेजों को तैयारी करने का आदेश जारी किया गया है.
मुजफ्फरपुर, बिहार.
Bihar News: बिहार में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने पर पूरा फोकस है. लोगों को हादसे या अन्य इमरजेंसी के दौरान जल्द उपचार मिले. इसको ही बिहार में सरकारी अस्पतालों के साथ ही अब सूबे के निजी मेडिकल कॉलेज में भी ट्रॉमा केयर सेंटर बनाए जाएंगे. स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में प्रदेश (Bihar News) के नौ निजी मेडिकल कॉलेजों को निर्देश जारी किए हैं. जिससे ही अब निजी मेडिकल कॉलेज भी सड़क दुर्घटना में गंभीर मरीजों का इलाज करने के लिए बाध्य होंगे. इस बारे में सड़क सुरक्षा परिषद के आदेश की पालना में स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी है.
बता दें कि पिछले महीने स्वास्थ्य विभाग ने सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में यह जानकारी दी थी. बिहार स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि दुर्घटना पीड़ितों को स्वर्णिम घंटे (पहले एक घंटे में) स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने की व्यवस्था की गई है. जिसके तहत राज्य सरकार ने प्रदेश में 57 ट्रॉमा केयर सेंटर अधिसूचित कर रही है. इन ट्रॉमा सेंटरों पर पर्याप्त सुविधा मुहैया करायी जाये. इसके बाद बैठक में राज्य परिवहन आयुक्त ने निजी मेडिकल कॉलेजों को भी ट्रॉमा सेंटर के रूप में अधिसूचित करने की अनुशंसा की. जिसके जवाब में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने परिषद को बताया कि प्रदेश के सभी निजी मेडिकल कॉलेज को इस संबंध में निर्देश जारी कर किए गए हैं. अब सड़क दुर्घटना में घायलों के इलाज से निजी मेडिकल कॉलेज इनकार नहीं कर सकेंगे और तत्परता के साथ सारी औपचारिकता पूरी करते हुए इलाज करेंगे.
इन निजी मेडिकल कॉलेजों में बनेंगे ट्रॉमा केयर सेंटर (Trauma care centers will be built in these private medical colleges)
मधुबनी मेडिकल कॉलेज, सासाराम का नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सहरसा का श्री नारायण मेडिकल इंस्टीट्यूट, बिहटा का नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, मुजफ्फरपुर का राधा देवी जागेश्वरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सहरसा का लॉर्ड बुद्धा कोशी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, पटना का हिमालय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कटिहार मेडिकल कॉलेज और किशनगंज का माता गुदरी मेमोरियल कॉलेज शामिल हैं.
निजी एंबुलेंस भी देंगी सेवाएं (Private ambulances will also provide services)
सड़क सुरक्षा परिषद की इस बैठक में सरकारी एंबुलेंस की तरह निजी एंबुलेंस सेवा भी एकल आपातकालीन नंबर से जोड़ी जाएगी. इस प्रस्ताव पर राज्य परिवहन आयुक्त ने बताया कि सूबे की 1586 सरकारी एंबुलेंसों की मैपिंग एकल आपातकालीन नंबर 102 से कर ली गई है. इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय की समिति की अंकेक्षण टीम के निर्देश की पालना में निजी एंबुलेंसों की भी जीआईएस मैपिंग व एकल आपातकालीन नंबर से किए जाने की नीति तैयार की जा रही है. जिसे शीघ्र ही लागू किया जाएगा.