Agra News: जिला अस्पताल में फर्जी हस्ताक्षर से मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का मामला सामने आया है. जो महिला के ट्रांसफर के संबंध में बनाया गया था. जिस पर मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक ने सर्टिफिकेट पर खुद के हस्ताक्षर नहीं होने की बात कही और रकाबगंज थाना में तहरीर दी थी.
आगरा, उत्तर प्रदेश.
Agra News: आगरा के जिला चिकित्सालय में फर्जी हस्ताक्षर करके मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने का खेल उजागर हुआ है. जिससे जिला अस्पताल में खलबली मची हुई है. जिला अस्पताल में तैनात एक इलेक्ट्रीशियन की सिफारिश पर सर्जन ने एक महिला का मेडिकल सर्टिफिकेट बनाया था. जिस पर ही खुद ही जिला अस्पताल के मंडलीय अपर निदेशक डॉ. राजेंद्र कुमार अरोडा के हस्ताक्षर कर दिए. जब मामला मंडलीय अपर निदेशक तक पहुंचा तो उन्होंने सर्टिफिकेट पर किए गए हस्ताक्षर को फर्जी करार दिया और रकाबगंज थाना में अपने फर्जी हस्ताक्षर से डॉ. धर्मवीर सिंह और इलेक्ट्रीशियन दिनेश शर्मा के खिलाफ तहरीर दी. जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.
डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डाॅ. राजेंद्र कुमार ने 30 मई को रकाबगंज थाना में शिकायत की थी. जिसमें बताया था कि 5 मई को जिला चिकित्सालय (Agra News) की सर्जरी ओपीडी के कक्ष संख्या 207 से राजकुमारी पत्नी अजय सिंह का एक मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किया गया. जो डाॅ. धर्मवीर सिंह ने बनाया था. जिस पर मेरे फर्जी हस्ताक्षर किए गए. इस काम में इलेक्ट्रीशियन दिनेश शर्मा भी शामिल हैं. आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. सर्टिफिकेट जारी करवाने वाले काैन लोग हैं? फर्जीवाड़ा किस स्तर पर किया गया? यह सब पता किया जा रहा है. इस बारे में सीएमओ डाॅ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का मामला संज्ञान में आया है. जिसकी विभागीय जांच भी कराई जा रही है.
ट्रांसफर केस में बनवाया था सर्टिफिकेट
मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डाॅ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के मामले की जांच आई थी. यह सर्टिफिकेट महिला के ट्रांसफर के संबंध में बनाया गया था. मगर, सर्टिफिकेट में हस्ताक्षर मेरे नहीं थे. इस पर डाॅ. धर्मवीर सिंह से पूछताछ की तो मुझ पर ही आरोप लगाने लगे. इस पर मैंने रकाबगंज थाना में शिकायत की. जिससे पुलिस अब जांच करके दोषी के खिलाफ कार्रवाई करेगी.