Doctors In India: देश में हर साल डॉक्टर्स की संख्या वृद्धि हो रही है. 2024 तक देश में डॉक्टर्स की संख्या 13.86 लाख तक हो गई है. 2030 तक देश को 7.20 लाख नए डॉक्टर्स और मिल जाएंगे.
नई दिल्ली.
Doctors In India: चिकित्सा के क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर बन रहा है. देश में डॉक्टरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय का पूर्वाअनुमान है कि सन 2030 तक देश में डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से बेहतर हो जाएगा. क्योंकि, डब्ल्यूएचओ का मानक है कि एक हजार की आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए.
बता दें कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission) में सन 2024 के आखिर तक देश में पंजीकृत डॉक्टरों की संख्या 13.86 लाख हो गई. इतना ही नहीं, NMC के मुताबिक, जिसमें से 80 फीसदी डॉक्टर इनमें से सक्रिय हैं. जिसके हिसाब से सक्रिय डॉक्टरों की संख्या 11.08 लाख है.
2030 तक देश में होंगे 18 लाख डॉक्टर
दरअसल, देश में एमबीबीएस की सीटें 1.20 लाख हैं. जिससे 2024-2030 के बीच 7.20 लाख नए डॉक्टर देश को मिलेंगे. हालांकि, इस अवधि में सीटें और बढ़ने से यह संख्या ज्यादा होने की संभावना है. जिससे सन 2030 तक देश में सक्रिय डॉक्टरों की संख्या करीब 18 लाख पार कर जाएगी.
अभी एक हजार लोगों पर एक डॉक्टर हो जाएगा
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, सन 2030 में भारत की आबादी 1.5 अरब होगी. ऐसे में डॉक्टर जनसंख्या अनुपात 1: 833 हो जाएगा. यानी कहें तो 833 लोगों पर एक एलोपैथिक डॉक्टर उपलब्धता हो जाएगी. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मौजूदा वक्त में भी यदि एलोपैथी के साथ आयुष पैथियों के डॉक्टरों को भी शामिल कर लें तो यह अनुपात 811 है. यानी 811 लोगों पर एलोपैथी या आयुष का एक डॉक्टर है. लेकिन, 2030 में सिर्फ एलोपैथी डॉक्टरों के हिसाब से भी डॉक्टरों का अनुपात डब्ल्यूएचओ के मानकों से बेहतर हो जाएगा.