ASICON-2024: गलत खान-पान और रहन-सहन की वजह से लोगों में पाइल्स (Piles) की समस्या तेजी से बढ़ रही है. यदि किसी व्यक्ति को शौच के दौरान पांच मिनट से अधिक का समय लगता है तो ये खतरे की घंटी है. ये पाइल्स होने के संकेत हैं. इसलिए सतर्क हो जाएं.
आगरा, उत्तर प्रदेश
ASICON-2024: आगरा में एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया की वार्षिक पांच दिवसीय वर्कशॉप ASICON-2024 हो रही है. ASICON-2024 में पहले दिन सर्जन्स को एनीमल मॉडल पर हैंड ऑन कोर्स के जरिए सर्जरी की नई-नई विधाओं की ट्रेनिंग दी गई. जिसमें 300 से अधिक सर्जन्स ने ट्रेनिंग ली. जो अब अपने-अपने जिले और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर मरीजों को सेवाएं देंगे. जिससे ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को घर के पास ही सर्जरी की सुविधाएं मिल जाएंगी. ट्रेनिंग देने लखनऊ से आये विशेषज्ञ डॉ. योगेश मिश्रा ने बताया कि आज गलत खान-पान और रहन-सहन की वजह से लोगों में पाइल्स (Piles) की समस्या हो रही है. यदि किसी व्यक्ति को शौच के दौरान पांच मिनट से अधिक का समय लगता है तो ये खतरे की घंटी है. ये पाइल्स होने के संकेत हैं. इसलिए सतर्क हो जाएं.
बता दें कि आगरा में एएसआइ, यूपीएएसआई और एसोसिएशन आफ सर्जन्स आफ आगरा की ओर से पांच दिवसीय एसीकॉन 2024 का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें देश और विदेश के आठ हजार से अधिक विशेषज्ञ और 12 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं.
ASICON-2024: शौच करते समय मोबाइल और बुक ना पढ़ें (Do not use mobile and read books while defecating)
लखनऊ के विशेषज्ञ डॉ. योगेश मिश्रा ने बताया कि आज पाइल्स बीमारी तेजी से बढ़ रही है. इसकी वजह से ही आज 18 की उम्र में ही मरीजों की पाइल्स की सर्जरी करनी पड रही है. ये सब गलत खान-पान और रहन सहन की वजह से हो रहा है. यदि कोई व्यक्ति शौच में पांच मिनट से अधिक समय लगाता है तो सतर्क हो जाएं. ये ही पाइल्स होने के संकेत हैं. जिसकी वजह से ही कब्ज की परेशानी रहती है. इसमें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. प्रोसेसिंग और मार्केट फीड से दूर रहें. शौच करते समय मोबाइल और बुक या अखबार समेत अन्य पढ़ने में ज्यादा समय बिताना भी गम्भीर हो सकता है.
ASICON-2024: MRI और ST स्कैन की रिपोर्ट पढ़ने की भी ट्रेनिंग (Training to read MRI and ST scan reports too)
हैंड ऑन कोर्स में ट्रेनिंग देने आए लखनऊ के विशेषज्ञ डॉ. योगेश मिश्रा ने बताया कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों के सर्जन की कमी है. इस तरह की ट्रेनिंग से सर्जन्स की कमी दूर की जा सकती है. जिससे ग्रामीण क्षेत्र में मरीजों को अधिक लाभ मिलेगा. इसी मंशा से मुख्य रूप से हैंड ऑन कोर्स में 12 कोर्स कराए गए हैं. जिसमें लेजर, एमआईपीएच (पूर्ण प्रोटोलजी), एडब्ल्यूआरसी, एंडोस्कोपी, अल्ट्रासाउंड के साथ सीटी स्कैन व एमआरआई की रिपोर्ट ठीक से पढ़ने की भी ट्रेनिंग दी गई. इसके साथ रिसर्च पेपर लिखने के तरीके भी सिखाए गए.

ASICON-2024: ट्रेनिंग में ट्रेंड डॉक्टर्स देंगे ग्रामीण क्षेत्र में सेवाएं
आईएससीपी के सचिव डॉ. लक्ष्मीकान्त लाडुकर ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टर्स और सर्जन्स कमी दूर करने में ये हैंड ऑन कोर्स अहम भूमिका निभाएंगे. इस ट्रेनिंग का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के 60 फीसदी मरीजों को भी बेहतर सर्जन की सुविधा घर के पास ही प्रदान करना है. जिससे छोटी-छोटी सर्जरी के लिए उन्हें शहर नहीं जाना पड़ेगा. आयोजन अध्यक्ष प्रो. एसके मिश्रा ने बताया कि हैंड ऑन सर्जरी की ट्रेनिंग पहली बार कराई जा रही है. 11 दिसंबर को दिल्ली, मुंबई सहित सेंटर फार एक्सीलेंस से 20 से अधिक सर्जरी की जाएंगी. जो सम्मेलन स्थल पर इनका लाइव प्रसारण किया जाएगा. लाइव सर्जरी के बाद सर्जरी की तकनीकी और जटिलता से जुड़े प्रश्नों के जवाब दिए गए.
ASICON-2024: 300 अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे
आयोजन सचिव डॉ. अमित श्रीवास्तव ने बताया कि 12 से 14 दिसंबर तक एसीकान 2024 में देश विदेश के प्रतिष्ठित सर्जन बीमारियों, सर्जरी और नई तकनीकी पर वीडियो आधारित व्याख्यान देंगे. आयोजन के कोषाध्यक्ष डॉ. सुनील शर्मा ने बताया कि 300 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे.
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर मुख्य रूप से निदेशक एकेडमिक्स डॉ. जी सिद्धेश, डॉ. विक्रम काटे, डॉ. अजय शर्मा, डॉ. प्रशान्त गुप्ता, डॉ.जगत पाल सिंह, डॉ. सोमेन्द्र सिंह, डॉ. श्वेतांक प्रकाश, डॉ. सुरेन्द्र पाठक, डॉ. अंशिका तिवारी अरोरा, डॉ. अंकुर बंसल, डॉ. करन रावत समेत अन्य विशेषज्ञ सर्जन्स उपस्थित रहे.