नई दिल्ली.
दुनिया के 80 देशों में मंकीपॉक्स पैर पसार चुका है. विश्व में अब तक 18 हजार से ज्यादा मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीज मिले हैं. दूसरी बीमारियों की तरह ही मंकीपॉक्स का अधिक खतरा बच्चे और बुजुर्गों में है. इसकी वजह बुजुर्गों की इम्यूनिटी कम होना है. जिससे यदि बुजुर्ग किसी भी संक्रमण की चपेट में आए तो उनकी जान का जोखिम बढ़ जाता है. अगर, देखा जाए तो मंकीपॉक्स का संक्रमण कोरोना के संक्रमण से कम संक्रामक है. लेकिन, इसमें भी बच्चों पर ज्यादा जोखिम है. चलिए जानते हैं कि, बच्चों से लेकर बुजुर्गों को मंकी पॉक्स से बचाव के लिए क्या करना चाहिए ? पुरुषों के लिए डब्ल्यूएचओ की क्या सलाह है?
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञ बताते हैं कि, संक्रामक रोग हमेशा से बच्चों के लिए घातक रहते हैं. यदि पहले से बीमार बच्चा किसी अन्य संक्रामक रोग की चपेट में आ जाए तो उसकी जान का जोखिम अधिक रहता है. वैसे तो मंकीपॉक्स का वायरस स्मॉल पॉक्स फैमिली का है. ऐसे में स्मॉल पॉक्स का टीका इस बीमारी में असर दिखा रहा है. जिन लोगों को चेचक का टीका लग चुका है. उन्हें मंकीपॉक्स का खतरा कम हो सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मंकीपॉक्स को लेकर पुरुषों को जोखिम से बचने के लिए सलाह भी दी है.
42 साल से कम उम्र के लोगों पर मंकीपॉक्स का ज्यादा खतरा
डब्ल्यूएचओ (WHO) की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक, मंकीपॉक्स को लेकर सबसे अहम सवाल यह हैं कि, सन 1980 के पहले पैदा हुए लोगों को चिकन पॉक्स या स्मॉल पॉक्स की वैक्सीन लग चुकी है. उसके बाद जन्मे लोगों को मंकीपॉक्स का ज्यादा जोखिम है. यानी कहे तो 42 साल से कम उम्र के लोगों पर मंकीपॉक्स का ज्यादा खतरा है. इसके साथ ही साथ ही सबसे अधिक खतरा बच्चों को है.
मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय
भारत में भी मंकीपॉक्स ने दस्तक दे दी है. केरल, यूपी, दिल्ली एनसीआर में भी मंकीपॉक्स के मरीज और संदिग्ध मरीज मिल रहे हैं. मगर, मंकीपॉक्स के मरीजों की संख्या भले ही फिलहाल कम हैं. लेकिन, मंकीपॉक्स भी कोरोना की तरह की फैल रहा है. इसलिए, मंकीपॉक्स का प्रसार रोकने के लिए लापरवाही बिल्कुल न करें.
- मंकीपॉक्स जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं.
- मंकीपॉक्स से बचाव के लिए चेचक का टीका जरूर लगवाएं.
- जो लोग इन्फेक्टेड देशों से लौट रहे हैं. उनके संपर्क में आने से बचें.
- साफ सफाई का ख्याल रखें और सैनिटाइजर का उपयोग करें.
- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर साबुन से हाथ धोएं.
डब्ल्यूएचओ की पुरुषों को सलाह
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने पुरुषों को सतर्क रहने की सलाह दी है. क्योंकि, मंकीपॉक्स का प्रसार रोकना है तो वे सतर्क रहें. जिन पुरुषों में मंकीपॉक्स का जोखिम है. वे अपने पार्टनर से यौन संबंधों में सावधानी बरतें. इसकी वजह है कि, मई 2022 से अब तक मंकीपॉक्स मामलों को देखें तो उसमें 98 फीसदी संक्रमित गे, बाइसेक्सुअल और पुरुषों से संबंध बनाने वाले पुरुष मिले हैं. इसलिए, यौन संबंध के दौरान सुरक्षित विकल्प अपनाने की सलाह दी गई.
Disclaimer: यह आर्टिकल विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट और एम्स समेत अन्य संस्थान के विशेषज्ञों से मिली जानकारी पर आधिरित है.