Ayodhya Medical College: अयोध्या मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस मामले में लगातार मिल रही अनियमितताओं की शिकायतों के बाद प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार को पद से हटाने के आदेश दिए हैं.
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
Ayodhya Medical College: यूपी की योगी सरकार भ्रष्टाचार को लेकर बेहद गंभीर है. अयोध्या के राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज (Rajarshi Dasharath Autonomous State Medical College, Ayodhya) के प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे. आरोप है कि पूर्व अनुमोदित फर्मों से खरीदी गई दवाओं और अन्य सामग्रियों के बिल के भुगतान में कमीशन की मांग की गई. इसके चलते ही डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार को पद से हटाकर चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय से संबद्ध किया गया है.
शिकायत की जांच में डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार पर लगाए गए सभी आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए हैं. इसके अलावा एक अन्य संविदा कर्मचारी प्रभुनाथ मिश्रा की मौत मामले की भी जांच शुरू की गई. जिसमें उनके परिजनों ने प्रधानाचार्य पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. जिससे मामला और गंभीर हो गया था. जिससे सरकार भी सवाल उठने लगे थे. जिसको लेकर सरकार एक्शन में आई है.
Ayodhya Medical College: जानबूझ कर भुगतान लटकाया और कमीशन मांगी (Payment deliberately delayed and commission demanded)
उपमुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री ब्रजेश पाठक ने इस मामले में लगातार मिल रही अनियमितताओं की शिकायतों के बाद प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार को पद से हटाने के आदेश दिए. शिकायतें मिली थीं कि डॉ. कुमार ने फर्मों से खरीदी दवाओं, साफ-सफाई कार्य, बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण और मरीजों के खाने की व्यवस्था से जुड़े बिलों के भुगतान को जानबूझकर लटकाया. इसके बाद भुगतान के लिए कमीशन की मांग की.

Ayodhya Medical College: पहले मई में जांच कमेटी गठित हुई थी (An inquiry committee was formed earlier in May)
बता दें कि जब डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो इन आरोपों की जांच के लिए शासन ने 17 मई 2024 को अपर निदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी. इसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्त नियंत्रक और अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को सदस्य बनाया गया था. जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार करके लोकायुक्त कार्यालय को 23 सितंबर 2024 को भेजी थी. इस रिपोर्ट में डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार के खिलाफ कई गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ. इसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने उन्हें पद से हटाकर उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई करने का निर्णय लिया.
Ayodhya Medical College: डॉ. कुमार पर फर्मों से रिश्वत लेने का आरोप (Dr. Kumar accused of taking bribe from firms)
डॉ. कुमार पर आरोप है कि उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों और फर्मों से भी रिश्वत ली. उन्होंने सरकारी धन की हेराफेरी की. इस पूरी प्रक्रिया को लेकर कई फर्मों और अधिकारियों के बीच सांठगांठ का आरोप भी सामने आया है. इस मामले की जांच अब आगे बढ़ रही है. आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.