BEWARE OF FAKE MEDICINES: यदि आप बीमार हैं और दवाएं खाना के बाद भी ठीक नहीं हो रहे हैं तो एक बार अपनी दवाएं जरूर चेक कराएं. दवाएं नकली और अमानक हो सकती हैं.
जयपुर, राजस्थान
BEWARE OF FAKE MEDICINES: सावधान! यदि आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं. बीमारी की वजह से लगातार दवाएं भी ले रहे हैं. मगर, आपका मर्ज ठीक नहीं हो रहा है तो एक बार अपनी दवाएं जरूर चेक कर लें. क्योंकि, हाल ही में ड्रग डिपार्टमेंट (Drug Department) ने एक अलर्ट जारी किया है. जिसमें सात कंपनियों की 9 दवाइयों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी थी. इनमें से चार दवाइयां नकली (BEWARE OF FAKE MEDICINES) पाई गई. इसके साथ ही 5 दवाइयों (Medicines) के सैंपल फेल हो गए हैं. इन दवाइयों में सर्दी, खांसी, जुकाम और एलर्जी के साथ-साथ विटामिन डी-3, कैल्शियम और मानसिक रोगों में उपयोग में आने वाली दवाइयां शामिल थी.
बता दें कि औषधि नियंत्रण संगठन (Drug Control Organization) ने पिछले एक साल के दौरान लिए गए सैंपल की जांच में 35 दवाओं में कंटेंट ही नहीं मिले थे. जबकि, 100 से ज्यादा दवाएं सब स्टैंडर्ड मिली. खैर, ये जांच रिपोर्ट चौंकाने वाली है. इस बारे में ड्रग कंट्रोलर (Drug Controller Ajay Phatak) अजय फाटक ने बताया कि समय-समय पर दवाओं के सैंपल लेकर जांच की जाती है. नकली या सब स्टैंडर्ड पाए जाने पर दवाओं के उपयोग पर रोक लगाने के साथ ही स्टॉक वापस ले लिया जाता है. इसके साथ ही दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई की जाती है.

BEWARE OF FAKE MEDICINES: दवाओं में कंटेंट पाए गए निल (Contents found to be nil in medicines)
यदि हम पिछले पांच सालों के आंकड़ों की बात करें तो औषधि नियंत्रण संगठन ने जो आंकड़े जारी किए गए हैं. उनमें जिन दवाओं के सैंपल लिए गए. उसमें कंटेंट निल पाए गए हैं. सन 2020 में 29 दवाएं, साल 2021 में 14, साल 2022 में 4, साल 2023 में 9, साल 2024 में 35 दवाओं में कंटेंट निल मिले. इसके अलावा सालवार जांच में कई दवाएं नॉट स्टैंडर्ड पाई गई. इनमें साल 2021 में 171 दवाएं, साल 2022 में 135 दवाएं, साल 2023 में 192 और साल 2024 में 100 दवाएं नॉट स्टैंडर्ड पाई गई.
BEWARE OF FAKE MEDICINES: सेहत के लिए घातक ये दवाएं (These medicines are fatal for health)
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मनीष अग्रवाल ने बताया कि कई बार बाजार में ऐसी दवाइयां बेची जाती हैं. जिनमें बीमारी ठीक करने के घटक ही नहीं होते हैं. इसके साथ ही कई बार बाजार में एक्सपायर हुई दवाइयों को नए बैच के साथ बेचा जाता है. आमतौर पर यह दवाइयां शरीर के लिए काफी घातक साबित होती हैं.

BEWARE OF FAKE MEDICINES: ये दवाएं जांच में मिली फेल (These medicines failed in the investigation)
औषधि नियंत्रण संगठन ने जो एक अलर्ट जारी किया. जिसमें कुछ दवाइयां जांच में फेल मिली थी. जिसमें सिस्टोल रेमडीज कंपनी की टेल्मिसर्टन और एम्लोडिपिन सॉल्ट वाली सुपाटेल-ट्रियो के तीन बैच हैं. इसके साथ ही सनोफी इंडिया लिमिटेड के एविल इंजेक्शन का बैच. ये इंजेक्शन मानसिक तौर पर बीमार मरीजों को नींद के लिए दिए जाते हैं. मैसर्स एपल फॉर्म्यूलेशन प्रा. लि. की कैल्शियम कार्बोनेट और विटामिन डी-3 की टैबलेट के साथ ही सिस्टोल रेमडीज कंपनी की टेल्मिसर्टन और एम्लोडिपिन सॉल्ट वाली सुपाटेल-ट्रियो शामिल हैं.
BEWARE OF FAKE MEDICINES: ये दवाएं भी मिलीं ऐसी ही
इसके साथ ही मैसर्स प्योर एंड क्योर हेल्थकेयर प्रा. लि. की अल्प्राजोलम टैबलेट,मैसर्स एस्पर फार्मास्युटिकल्स की निमोस्लाइड पेरासिटामोल टैबलेट अमानक मिलीं, मैसर्स एडविन फार्मा एलसीमास्क-एम (लिवोसिट्राजिन, मोंटेलुकास्ट) की दवाई के सैंपल की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ये दवाएं अमानक निकली हैं. इनके अलावा मैसर्स स्कॉट-एडिल फार्मासिया लि. का खून पतला करने का हेपारिन सोडियम इंजेक्शन और मैसर्स एथिकेयर लैबोरेट्रीज का संक्रमण कंट्रोल करने वाला सल्फामेथोक्साजोल और ट्राइमेथोप्रिम का इंजेक्शन शामिल है.