Brain Stroke: आगरा के उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल के डाॅक्टर अंकित जैन ने ऑपरेश एंडोवैस्कुलर कोइलिंग तकनीक से ब्रेन स्ट्रोक के मरीज की सर्जरी की है. जो पश्चिमी यूपी में पहली बार ये सर्जरी की गई है.
आगरा, उत्तर प्रदेश
Brain Stroke: आगरा में पहली बार उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल (Ujala Cygnus Rainbow Hospital, Agra) में ब्रेन एन्यूरिज्म (brain aneurysm)से पीड़ित 70 वर्षीय मरीज की सफल सर्जरी की गई है. हॉस्पिटल के ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) स्पेशलिस्ट डॉ. अंकित जैन ने एंडोवैस्कुलर कोइलिंग तकनीक से बिना खोपड़ी खोले मरीज की सर्जरी करके जान बचाई है. मरीज ने सिर में भयानक दर्द होने की शिकायत पर हॉस्पिटल में आईं थीं. उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल का दावा है कि अभी तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western Uttar Pradesh) के किसी अन्य अस्पताल में इस तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं है.
उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल के ब्रेन स्ट्रोक विशेषज्ञ डाॅक्टर अंकित जैन ने बताया कि हमारे पास जब मरीज आया तो उसके सिर में भयानक दर्द था. जिस पर मरीज की एंजियोग्राफी की गई तो उसके दिमाग की नस एक जगह गुब्बारे जैसी फूली हुई मिली. जिसका बैलून का साइज 10.2 गुणा 9. 2 एमएम हो गया था. मरीज की उम्र और बैलून ( एन्यूरिज्म ) के साइज को देखकर क्लिपिंग विधि से इलाज संभव नहीं था. इसके बाद एंडोवैस्कुलर कोइलिंग तकनीक से इलाज करने का निर्णय लिया.

Brain Stroke: पैर की नस के जरिए कैथेटर डाला (Catheter inserted through the vein of the leg)
उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल (Brain Stroke Specialist of Ujala Cygnus Rainbow Hospital) के ब्रेन स्ट्रोक विशेषज्ञ (Dr Ankit Jain) डॉ. अंकित जैन ने एंडोवैस्कुलर कोइलिंग तकनीक में चीरा या टांके लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है. इसमें पैर की नस के जरिए कैथेटर डालकर एन्यूरिज्म तक पहुंचाया जाता है. इसके बाद कॉइल रखकर एन्यूरिज्म को ब्लॉक करते हैं. इलाज के बाद मरीज अब स्वस्थ है. ब्रेन स्ट्रोक के मरीज को छह घंटे के अंदर उपचार मिल जाता है तो उसकी रिकवरी के चांस ज्यादा होते हैं.

Brain Stroke: एन्यूरिज्म से ब्लड की आपूर्ति बाधित (Blood supply disrupted from aneurysm)
उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल (Brain Stroke Specialist of Ujala Cygnus Rainbow Hospital) के ब्रेन स्ट्रोक विशेषज्ञ (Dr Ankit Jain) डॉ. अंकित जैन बताते हैं कि एंडोवैस्कुलर कोइलिंग में बिना किसी बड़ी सर्जरी या खोपड़ी को खोले ही ब्रेन एन्यूरिज्म का इलाज होता है. ये एक ऐसी प्रक्रिया है. जो एन्यूरिज्म में ब्लड की आपूर्ति को रोकने के लिए की जाती है. एन्यूरिज्म एक गुब्बारे जैसा होता है. जो नस की दीवार के कमजोर होने के कारण होता है. ज्यादातर एन्यूरिज्म फटने की वजह से जानलेवा रक्तस्राव और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाते हैं। जब एन्यूरिज्म में ब्लड की आपूर्ति बाधित होती है तो इसके फटने की संभावना खत्म हो जाती है.

Brain Stroke: पश्चिमी यूपी में पहली बार ये सर्जरी (This surgery for the first time in Western UP)
उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल के ब्रेन स्ट्रोक विशेषज्ञ (Dr Ankit Jain) डॉ. अंकित जैन बताते हैं कि इस प्रक्रिया में पैर की नस में एक पतली ट्यूब (कैथेटर) डालते हैं. कैथेटर को नस में ले जाकर एन्यूरिज्म में कॉइल को रखा जाता है. कॉइल नरम प्लैटिनम धातु की होती है. जो स्प्रिंग के आकार की होती है. एंडोवैस्कुलर पद्धति से अभी तक दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में इलाज किया जाता है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस तकनीक से पहली बार उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल में इलाज किया गया है.
