परिवार नियोजन कार्यक्रम की मुहिम में पुरुषों की सहभागिता की जरूरी है. सास, बहू और बेटा सम्मेलन के जरिए सास और बहू के बीच संबंध, समन्वय और संवाद के जरिये बेटे के सहयोग से परिवार नियोजन को लेकर बेहतर माहौल बनाना है.
हम वजन की बात करें तो यूपी के बच्चे ज्यादा हट्टे-कट्टे हैं. यानी यूपी के बच्चे हेल्दी हैं. उनका वजन सही है. जबकि, यूपी के बच्चों की तुलना में बिहार, झारखण्ड, महाराष्ट्र, गुजरात समेत कई राज्यों के बच्चों का वजन कम है.
भारत बायोटेक इंटरनेशनल ने जून 2021 से सितंबर 2021 के बीच दो वर्ष से 18 वर्ष आयु के स्वस्थ बच्चों और किशोरों पर इस टीके के दूसरे और तीसरे चरण का परीक्षण किया था.
मौसम का बिगड़ा मिजाज (एक्सट्रीम वेदर) को लेकर हुई रिसर्च में दावा है कि, बीते दो दशक में तीन लाख लोगों की जान मौसम सबंधी कारण की वजह से गई. इसके साथ ही 400 करोड लोगों का जीवन भी बाढ़ और सूखा से प्रभावित हुआ है.
पहली पल्मोनरी टीबी और दूसरी एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी की बीमारी होती है. पल्मोनरी टीबी में फेफड़े संक्रमित होते हैं. जिसकी वजह से इसकी फैलने की आशंका रहती है. जबकि, एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी में फेफड़ों के बजाय शरीर के अन्य अंगों पर असर होता है.
रिसर्च में दावा है कि, जो लोग घरों पर नेबुलाइजर इस्तेमाल करते हैं. उन्हें नेबुलाइजर की साफ-सफाई और रख-रखाव की सही जानकारी नहीं होती है. इसलिए गंदे नेबुलाइजर का इस्तेमाल मरीजों को लाभ की बजाय उनकी समस्या गंभीर करता है.
पॉजिटव मंडे में mobycapsule.com एक SERIES लेकर आया है. जिसमें SHEROES की जुबानी ही उनके संषर्घ की दास्तान होगी. कैसे मुश्किल समय में SHEROES ने खुद के फैसले से लक्ष्य प्राप्त किया. SHEROES की पहली कड़ी में सुनिए अभिनेत्री महिला चौधरी की जुबानी.
यह खबर दुनियां के हर डायबिटीज रोगियों के लिए है. अभी जिन डायबिटीज रोगियों को हर दिन इंसुलिन लगाना पड़ता है. उन्हें इस झंझट से मुक्ति मिल जाएगी. इसलिए यह खबर पूरी जरूर पढ़ें.
टीबी चैंपियन अब क्षय रोग के प्रति जागरूकता करेंगे. जिससे टीबी को लेकर व्याप्त भेदभाव और भ्रांतियां दूर हों. इसके लिए टीबी चैंपियन अब पोस्टर, पंपलेट, बैज और टैटू का सहारा लेंगे.
कैल्श्यिम की हैवी डोज: किडनी में स्टोन का खतरा, BP और हार्ट की बीमारियां भी जकड़ेंगी, जानें खात बातें
हाइपरकैल्शिमया से हड्डियां कमजोर होती हैं. पैनक्रियाज भी खराब होती है. इतना ही नहीं, कैल्शियम की हैवी डोज से किडनी में स्टोन, हाई बीपी, हृदय और ब्रेन में भी गड़बड़ियां हो सकती हैं.