Women’s Health Talk: प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में खून की कमी होना एक आम समस्या है. जिससे ही गर्भवती को कमजोरी और थकान की समस्या होती है. हेल्थ डिजिटल प्लेटफार्म mobycapsule.com की सेहत की बात सीरीज में प्रेग्नेंसी में खून की कमी के इन संकेतों का जरूर ध्यान रखें.
Jaggery Benefits: गर्भवती महिलाओं को खून की कमी दूर करने के लिए गुड़ का सेवन करना चाहिए. सर्दियों के मौसम में गुड़ को डाइट में शामिल करना चाहिए. गुड़ आयरन की कमी दूर करता है. इसके साथ ही बॉडी को अंदर से गर्म रखने के लिए बेस्ट फूड है.
#Research #Reports ज्यादा बच्चे पैदा करने से High BP की गिरफ्त में महिलाएं, दिल और किडनी रोग का खतरा
नई दिल्ली.
देश की महिलाओं में मोटापा, खानपान और खराब जीवनशैली ही रक्तचाप (blood pressure) के लिए जिम्मेदार नहीं है. महिलाओं में बढते ब्लड प्रेशर (blood pressure) की वजह लैंगिक अपराध भी है. जिसमें घरेलू हिंसा, ज्यादा बच्चे पैदा करना भी एक बडा कारण है. इससे भी महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ा…
भूकंप से ऑपरेशन थिएटर हिल रहा था. की लाइट भी चली गई. मगर, चिकित्सकों ने अपना काम जारी रखा. महिला की सीजेरियन डिलेवरी से एक बच्चे का जन्म हुआ.
अभियान में प्रत्येक गर्भवती व धात्री महिलाओं तक आयरन, कैल्शियम, एलबेंडाजोल, व फोलिक एसिड की उपलब्धता और दवाओं का सेवन सुनिश्चित करने का कार्य होगा.
दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर रखने में यह अंतरा बेहतर विकल्प है. इसकी डोज प्रत्येक तीन माह में एक बार लेनी होती है.
सुपोषण दिवस पर गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की गई. गोद भराई कार्यक्रम को बेहतरीन बनाने के लिए लोक गीत भी गाए गए. इन लोक गीत के जरिए भी लोगों को सही पोषण देने और लेने को लेकर जागरूक किया.
भारत की बात करें तो हर साल करीब 13500 महिलाएं गर्भधारण में स्पर्म डोनर का सहारा ले रही हैं. एक इजैक्यूलैट में अनुमानित 280 मिलियन शुक्राणु निकलते हैं. जब पुरुष में शुक्राणुओं की संख्या 10 मिलियन से कम हो जाए तो उसकी प्रजनन क्षमता कम होती है. जब शुक्राणुओं की संख्या 40 मिलियन और 300…
, पीएमएसएमए दिवस में गर्भवती की प्रसव पूर्व हीमोग्लोबिन, शुगर, यूरिन जांच, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफ़लिस, वजन, ब्लड प्रेशर एवं अन्य जांच की मुफ्त होती हैं. इसके साथ ही टिटनेस,.डिप्थीरिया, आयरन, कैल्शियम एवं आवश्यक दवाएं मुफ्त दी जा जाती हैं.
जो गर्भवती कोरोना संक्रमित हुई हैं. उनके गर्भस्थ शिशु में यह जोखिम छह प्रतिशत तक अधिक मिला है. वहीं, उन महिलाओं में जिनमें शुरुआती समय जब में गर्भावस्था जाहिर नहीं होती तो ऐसे समय में शिशुओं की विकास दर में देरी का जोखिम तीन प्रतिशत मिला.
