नई दिल्ली.
देश में तेजी से गुर्दा रोगी बढ़ रहे हैं. इसकी वजह जीवनशैली में आया बदलाव है. यदि आपको अपने गुर्दे हेल्दी रखने हैं. तो अपनी जीवनशैली में बदलाव करें. जिससे गुर्दे की बीमारियों सिर्फ बचने के साथ ही इस बीमारी का शुरुआती चरण हर नियंत्रण संभव है. ‘किडनी मंथन’ कार्यक्रम में सफदरजंग अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख हिमांशु वर्मा ये बातें कहीं. उन्होंने गुर्दे की हेल्द और गुर्दे संबंधी बीमारियों को लेकर टिप्स दिए.
बता दें कि, विश्व किडनी दिवस पर 1 से 9 मार्च के बीच एमिल फार्मास्युटिकल्स की ओर किडनी मंथन कार्यक्रम किया गया. जिसमें देशभर के एलोपैथी और आयुर्वेद के 35 विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने गुर्दे की बीमारियों के कारणों पर प्रभाव डालने के साथ ही इससे बचाव के उपायों खासकर जीवनशैली में बदलाव पर जोर दिया. विशेषज्ञों ने किडनी मंथन कार्यक्रम में गुर्दे को स्वस्थ बनाये रखने और उपचार में आयुर्वेद की वैकल्पिक उपचार पद्धतियों पर भी अपने विचार रखे.
सफदरजंग अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख हिमांशु वर्मा ने अपना प्रजेंटेशन दिया. जिसमें उन्होंने बताया कि, गुर्दे की बीमारी होने से लेकर गुर्दा फेल होने तक की बीमारी पांच चरणों में होती है. लेकिन, पहले और दूसरे चरण में बीमारी पर पूरी तरह से काबू पाना संभव है. इसलिए सबसे पहले मरीजों में जारूकता होना बेहद जरूरी है. आज जिस तरह से गुर्दे से संबंधी बीमारियां बढ रही हैं. उन बीमारियों पर काबू के लिए बेहद जरूरी है कि, बीमारी की जांच हो. जिससे शुरुआती चरण में ही ये बीमारी पकड़ में आ जाए. उन्होंने कहा कि, मधुमेह और उच्च रक्तचाप के रोगियों को गुर्दा रोग का खतरा सबसे ज्यादा होता है. इनमें से किसी बीमारी से ग्रस्त 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए यह खतरा कहीं ज्यादा हो सकता है.
यूं रखें फिट गुर्दे
- बॉडी मास इंडेक्स बीएमआई 20 से 25 के बीच रखें.
- एक सप्ताह में पांच दिन रोज 30 मिनट की सैर.
- ज्यादा नम और पोटेशियम युक्त भोजन न करें.
- पेन किलर दवाओं के सेवन में सावधानी बरतें.
- दिन में तीन लीटर से कम पानी न पिएं.
- गुर्दा हेल्दी रखने के लिए धूम्रपान को छोड़ दें.