नई दिल्ली/ आगरा/ लखनऊ/ भोपाल.
कोविड के बाद इस साल वायरल संक्रमण भी स्ट्रांग हो गया है. देश में इस साल वायरल संक्रमण होने पर लोगों को तेज बुखार, शरीर में दर्द, खांसी और श्वांस लेने में परेशानी की शिकायत है. जिससे लोगों की खांसी ठीक होने में समय लग रहा है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि, इस वायरल संक्रमण के लिए इन्फ्लूएंजा ए का सबवैरियंट एच3एन2 वायरस जिम्मेदार है. इसकी पुष्टि वायरल संक्रमित लोगों के सैंपल की जांच रिपोर्ट में हुई है. इस बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करके ऐसे रोगियों को एंटीबायोटिक दवाओं से बचने की सलाह दी है.
दिल्ली के लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. सुरेश कुमार ने बताया कि, इस साल वायरल संक्रमण का वायरस 60 वर्ष से अधिक और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है. इसके साथ ही जो लोग गंभीर बीमारी, मधुमेह, सांस की बीमारी से पीड़ित हैं. इस बार वायरल उनके लिए बेहद खतरनाक है. क्योंकि, यह वायरल सीधे नाक, गला, फेफड़े और सांस से संबंधित समस्याएं से लोगों को परेशान कर रहा है.
आगरा में जांच की नहीं है सुविधा
एसएन मेडिकल काॅलेज के माइक्रोबायोलाॅजी विभागाध्यक्ष डाॅ. अंकुर गोयल बताया कि, इन्फ्लूएंजा ए वायरस के कई सबवैरिंट हैं. इसमें एच1एन1 यानी स्वाॅइन फलू से लेकर एच3एन2 सब वैरिंयट हैं. यह वैरियंट बदलते रहतें हैं. जिसकी वजह से ही इनके लक्षणों में भी बदलाव होता है. अभी एसएन मेडिकल काॅलेज में सबवैरिंयट की जांच की सुविधा नहीं है.
लक्षण देखकर कर रहे उपचार
एसएन मेडिकल काॅलेज के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डाॅ. मृदुल चतुर्वेदी का कहना है कि, मधुमेह रोगी, हृदय रोगी, श्वांस संबंधी बीमारियों से पीडित मरीजों को वायरल संक्रमण से संक्रमित होने पर ज्यादा परेशानी हो रही है. इसलिए, ठीक होने में मरीजों को दिन लग रहे हैं. लक्षणों के आधार पर मरीजों का उपचार कर रहे हैं.
बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती को ज्यादा जोखिम
विशेषज्ञों की मानें तो H3N2 वायरस से सबसे ज्यादा 65 और उससे अधिक उम्र के लोगों, पांच साल से छोटे बच्चों और गर्भवती को फ्लू का जोखिम अधिक होता है. इसके अलावा जो लोग अस्थमा, डायबिटीज और हृदय रोग से पीड़ित हैं या जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर हैं, वह भी फ्लू से जल्दी संक्रमित हो सकते हैं.
यह करें
- परिवार के एक सदस्य को वायरल संक्रमण होने पर दूसरे लोग सदस्य दूरी बनाएं.
- बुखार आने पर अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेजें.
- बुखार और जुकाम होने पर बच्चे को मास्क पहनाएं.
- वायरल संक्रमित बार बार अपने हाथ धुएं.
- वायरल संक्रमण होने पर खूब पानी पिएं.
- वायरल संक्रमण होने पर ठंडे पेय पदार्थ से परहेज करें.
- वायरल संक्रमण होने पर बाजार से खाने पीने की चीजें न खांए.