Complex Hip Surgery: आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स की टीम ने मरीज के कूल्हे की जटिल सर्जरी करके दिक्कत दूर की. मरीज का टक्कर के चलते कूल्हा बाहर निकल आया था. जिससे उसका एक पैर 7 सेमी छोटा हो गया था.
आगरा, उत्तर प्रदेश.
Complex Hip Surgery: आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स की टीम ने एक मरीज के कूल्हे की जटिल सर्जरी (Complex Hip Surgery) की है. मरीज का कूल्हा बाहर निकलने से उसका एक पैर 7 सेमी छोटा हो गया था. जिसकी वजह से मरीज चलने में असमर्थ हो गया था. डॉक्टर्स की टीम ने करीब 5 पांच घंटे में Complex Hip Surgery की है. जिससे सर्जरी के दूसरे दिन से ही मरीज चलने लगा. जिससे मरीज और उसका परिवार बेहद खुश है.
बता दें कि एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में सोमवार को 45 वर्ष व्यक्ति कूल्हे का इलाज कराने के लिए पहुंचा था. एसएनएमसी के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि मरीज कई जगह उपचार कराकर आया था. मगर, उसे संतोषजनक इलाज नही मिला था. मरीज का चोट लगने से 7 सेमी पैर छोटा हो गया था. जिसकी वजह यह थी कि मरीज का कूल्हा बाहर निकल आया था. जिसकी वजह से मरीज को चलने में दिक्कत हो रही थी. जिसके चलते ही एसएनएमसी में अस्थि रोग की ओपीडी में डॉ. अमृत गोयल के पास मरीज गया था.

Complex Hip Surgery: पांच घंटे तक चली सर्जरी (Surgery lasted for five hours)
डॉ. अमृत गोयल ने बताया कि मरीज को देखकर उसे भर्ती कर लिया. उसकी जांच कराई और उसकी सर्जरी की प्लानिंग की. डॉक्टर्स की टीम ने पांच घंटे में मरीज की कूल्हा की जटिल सर्जरी की. जिसमें मरीज के कूल्हे का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया. सर्जरी टीम में निश्चेतना विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अपूर्व कुमार, डॉ. मंजरी, डॉ. दम्यन्त शामिल रहे. मरीज ऑपरेशन के बाद मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है. ऑपरेशन के दूसरे दिन मरीज चलने लगा. मरीज का कहना है कि अब मेरे कूल्हे में दर्द की कोई भी शिकायत नहीं है और पैर भी बराबर हो गया है.
एसएनएमसी में मिल ही बेहतर चिकित्सा सुविधा
एसएनएमसी के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि लगातार एसएनएमसी में विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीमें जटिल से जटिल सर्जरी (Complex Hip Surgery ) करके मरीजों की बीमारी दूर कर रहे हैं. एसएनएमसी में आगरा के साथ ही आसपास के जिलों के मरीजों को बेहतरचिकित्सा सुविधा मिल रही है. जिसकी वजह से मरीजों को अब बड़े शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है. जिसकी वजह से मरीजों का समय और धन होने ही बच रहे हैं.