COVID-19 की उत्पत्ति पर विशेषज्ञ समिति ने खुलासा किया. अभी यह तक यह तय नहीं हुआ कि आखिर मानवों तक यह वायरस कैसे पहुंचा. विश्व स्वास्थ्य संगठन का दावा कि कोरोना वायरस को लेकर फिलहाल कुछ भी कहने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है. क्योंकि, अभी तक चीन ने ब्योरा साझा नहीं किया है.
नई दिल्ली.
COVID-19: दुनिया में कहर बरपाने वाले कोरोना वायरस (COVID-19) की उत्पत्ति अब भी रहस्य बनी हुई है. दुनिया में करीब दो करोड़ से अधिक लोगों की जान लेने वाला कोरोना वायरस आखिरकार इंसानों के अंदर कैसे पहुंचा, इसका पता फिलहाल अभी नहीं लग पाया है. चार के अध्ययन के बाद भी विश्व स्वास्थ्य संगठन की गठित वैज्ञानिकों की समिति किसी भी स्पष्ट निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है. हालांकि, समिति ने कहा है कि साक्ष्य बता रहे हैं कि वायरस (COVID-19) की उत्पत्ति जूनोटिक यानी चमगादड़ों से सीधे इंसानों में पहुंचा या किसी और अन्य जानवरों के माध्यम से कोरोना वायरस फैला होगा.
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल में एक रिपोर्ट जारी की है. जिसमें कहा है कि कोविड-19 (COVID-19) महामारी कैसे शुरू हुई ? इस बारे में सभी अनुमान अब भी बरकरार हैं. हालांकि, कोरोना वायरस जानवरों से इंसानों में फैलने की संभावना हो सकती हैं. चीन के वुहान लैब से भी लीक हो सकती है या कोई अन्य कारण भी हो सकते हैं. डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल कुछ भी कहने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं. इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि चीन ने इस संक्रमण के संबंध में आज तक डाटा नहीं दिया है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा कि हमने चीन से अपील की है कि कोविड-19 की उत्पत्ति के बारे में जानकारी साझा करें. जिससे भविष्य की महामारियों से दुनिया को बचाया जा सके.

COVID-19: यह रही खास बातें
● किसी एक निष्कर्ष पर समिति नहीं पहुंच सकी है.
● 27 स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के पैनल ने 78 पन्नों की रिपोर्ट प्रकाशित की है.
● कोरोना संक्रमण की उत्पत्ति जूनोटिक होने के साक्ष्य अधिक हैं.
● चीन ने डाटा नहीं दिया, इसलिए अब भी जांच पूरी नहीं हो सकी.

COVID-19: 2021 में बनी थी 27 विशेषज्ञों की समिति
दरअसल, मार्च 2021 में डब्ल्यूएचओ और चीन की संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया कि सबसे अधिक संभावना वायरस के चमगादड़ों से किसी अन्य जानवर के माध्यम से मनुष्यों में आने की है. तब वुहान की वायरोलॉजी प्रयोगशालाओं से लीक की अटकलों को खारिज किया गया था. जिससे ही तब डब्ल्यूएचओ की खूब आलोचना हुई थी. इसके बाद डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने जुलाई 2021 में 27 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की वैज्ञानिक सलाहकार समूह फॉर द ओरिजिन्स ऑफ नोवेल पैथोजेन्स की स्थापना की. वैज्ञानिकों की इस कमेटी ने कोरोना संक्रमण के मानव शरीर में पहुंचने की जांच शुरू की थी.
संक्रमण को लेकर ये चार थ्योरी अब भी बरकरार
प्राकृतिक जूनोटिक स्रोत्र: जंगली या किसी अन्य जानवरों के जरिए सीधे मानवों में फैली.
लैब से लीक: लैब से वायरस लीक हुआ. जिसमें अनुसंधान के दौरान वायरस के संपर्क में आना या प्रयोगशाला जैव सुरक्षा प्रक्रियाओं का उल्लंघन शामिल हो सकता है.
कोल्ड चेन: कोल्ड चेन प्रक्रिया के जरिए भी वायरस पशुओं के बाजार में पहुंचा. इसके बाद ही वायरस बाजरों से मानवों तक पहुंचा.
जानबूझ कर फैलाया: यह वायरस लैब में बनाया गया. लैब में वायरस के साथ जानबूझकर छेडछाड की. जिससे ही यह वायरस मानवों तक पहुंचा.