देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड की बेटियां और महिलाएं साक्षरता के मामले में राष्ट्रीय मानक को पीछे छोड़ चुकीं हैं. मगर, महिलाओं का आम जिंदगी में बहुत पीछे हैं. उनका आम जिंदगी में रफ्तार भरना अभी बाकी है. यह सुनकर आप चौंकिए मत. यह बात राज्य में ड्राइविंग लाइसेंस धारकों के ताजा आंकड़े बयां कर रहे हैं. उत्तराखंड में 29.38 लाख ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए गए हैं. राज्य में वर्तमान महिला ड्राइविंग लाइसेंस धारकों की संख्या की बात करें तो महज 3.01 लाख हैं. जो महज 12 फीसदी हैं.
बता दें कि, सन 2011 की जनगणना के मुताबिक, उत्तराखंड में महिलाओं की संख्या 49.48 लाख है. इस संख्या से यदि राज्य में महिला ड्राइविंग लाइसेंस की तुलना करें तो वो बेहद काम है.

उत्तराखंड की मातृशक्ति कार-बाइक चलाने में पीछे
उत्तराखंड में भले ही जीवन के हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर महिलाएं चल रही हैं. मगर, उत्तराखंड की मातृशक्ति अभी कार, बाइक, स्कूटर/ स्कूटी चलाने के मामले में पीछे छूट गई है. आबादी के लिहाज से देखा जाए तो वाहनों के उपयोग में महिलाओं का प्रतिशत बेहद कम है.
सबसे ज्यादा देहरादून रीजन में लाइलेंस
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून आरटीओ रीजन सिर्फ एकमात्र है. जहां पर महिलाएं 20 फीसदी लाइसेंस धारक हैं. इसके बाद मैदानी क्षेत्रों में ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार और नैनीताल रीजन में भी यह अनुपात काफी कम है.
आंकड़ों का विभाग करेगा अध्ययन
उत्तराखंड में महिलाओं के ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना है कि, निसंदेह यह आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं. विभाग इन आंकड़ों का अध्ययन करेगा. जिससे कोई निष्कर्ष निकाला जा सके. कि, कैसे राज्य में महिलाओं के ड्राइविंग लाइसेंस का अनुपात बढेगा.