आगरा.
डिप्टी सीएम व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक अचानक शनिवार शाम आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज (एसएनएमसी) और इमरजेंसी में पहुंच गए. उन्होंने 10 मिनट में एसएनएमसी की व्यवस्थाएं टटोली. इमरजेंसी के बाहर बैठे मरीज और तीमारदारों से सीधे बात की. एक मरीज ने शिकायत की कि, उसे ठीक होने से पहले ही डाक्टरों ने डिस्चार्ज कर दिया. इस पर डिप्टी सीएम ने मरीज को दोबारा भर्ती कराया. वार्ड के निरीक्षण में अव्यवस्था मिलने और सही से उपचार नहीं करने पर एसएनएमसी के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता और अन्य चिकित्सकों की फटकार लगाई. उन्होंने प्राचार्य डॉ. प्रशाांत गुप्ता को निर्देश दिए कि, व्यवस्थाएं सुधार लें. मरीजों के इलाज में लापरवाही और उनके साथ गलत व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कालेज में सुविधाएं विकसित करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए.
बता दें कि, डिप्टी सीएम व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर मथुरा गए थे. मथुरा में कई कार्यक्रम में शामिल होने के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक फरह में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के पैतृक गांव गए. यहां से सीधे आगरा दिल्ली हाईवे से डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक आगरा आए. एमजी रोड पर जैसे ही डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की कार शनिवार शाम करीब पौने सात बजे एसएनएमसी इमरजेंसी के पास पहुंची. उन्होंने कार रुकवाई और एसएनएमसी इमरजेंसी का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए.
चिकित्सक और स्टाफ में मच गया हडकंप
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और उसके साथ आए अधिकारियों को देखकर चिकित्सक और स्टाफ में खलबली मच गई. चिकित्सक और स्टाफ में अफरा तफरी मच गई. एसएनएमसी प्राचार्य और अन्य चिकित्सकों ने दौड लगा दी. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक मरीजों के बीच पहुंच गए. एसएनएमसी इमरजेंसी में मौजूद मरीज और तीमारदारों का हालचाल जाना. उनसे उपचार और व्यवस्था की जानकारी ली. यह देखकर चिकित्सक के होश उड गए.
डिस्चार्ज मरीज कराया भर्ती, दिए निर्देेश
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मरीज और तीमारदारों से बातचीत की. जिसमें एक मरीज इमरजेंसी परिसर में कराहता मिला. इस पर डिप्टी सीएम ने तत्काल मरीज से बात की. मरीज ने अपना नाम महेश शर्मा निवासी जगदीशपुरा बताया. कहा कि, उसे चिकित्सक भर्ती नहीं कर रहे हैं. वह गुरुवार को भर्ती हुआ था और शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया. इस पर डिप्टी सीएम ने इमरजेंसी मेडिसिन इंचार्ज डॉ. चंद्रप्रकाश से मरीज महेश शर्मा को भर्ती न करने का कारण पूछा. डॉ. चंद्रप्रकाश ने बताया कि, मरीज को क्रोनिक अल्कोहलिक लिवर डिजीज है. इसमें लंबे समय तक दवाएं लेनी होती है. मरीज घर पर दवाएं ले सकता है. उसे डिस्चार्ज कर दिया था. डिप्टी सीएम ने मरीज महेश को भर्ती कराया और उसके तीमारदारों से पूछा. इसके बाद प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता के साथ डिप्टी सीएम इमरजेंसी के ट्राएज एरिया में पहुंचे और वहां पर भर्ती 17 मरीज भर्ती का हालचाल जाना और दवाओं के बारे में पूछा.
तीमारदार के जबाव से मची गई खलबली
एसएनएमसी की इमरजेंसी में प्रवेश करते ही डिप्टी सीएम ने वहां पर मौजूद लोगों से बातचीत की. उनसे पूछा कि कैसे यहां पर आए हैं. क्या समस्या है. इस पर तीमारदार कुछ समझ नहीं पाए. पूछा यहां कोई डॉक्टर है. एक व्यक्ति ने कहा कि, यहां पर सुबह ग्यारह बजे से बैठे हैं. तब तक एसएनएमसी प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता आ गए. उन्होंने इमरजेंसी मेडिसिन इंचार्ज बुलाकर पूछा तो पता चला कि, व्यक्ति तीमारदार है. उसका मरीज सुबह ग्यारह बजे ही भर्ती कर लिया गया था. उसका उपचार चल रहा है