आज सोशल मीडिया का दौर है. सोशल मीडिया ने तमाम लोग मशहूर कर दिए तो सोशल मीडिया अब एजुकेशन और जागरूकता का जरिया भी बन गया है. आज हम ऐसे ही एक चिकित्सक के बारे में बताने जा रहे हैं. जो बेहद सरल हैं. हमेशा सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो शेयर करते हैं. जो उनके क्लीनिक पर आए बीमार शिशुओं के होते हैं. जी हां. हम बात कर रहे हैं बैंगलुरू के मशहूर शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. सैय्यद मुजाहिद हुसैन (Dr. Sayed Mujahid Husain ) की. जो सोशल मीडिया से लगातार बच्चों की बीमारी, परेशानी और उपचार से माता पिता को जागरुक कर रहे हैं. आज के वीडियो में बहुत कुछ ऐसा ही सीखने के लिए आपको मिलेगा.

अपनी भाषा में चिकित्सक को बताएं बच्चे की परेशानी
बैंगलुरू के शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. सैय्यद मुजाहिद हुसैन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है. जिससे में डाॅ. सैययद मुजाहिज हुसैन बता रहे हैं कि, जब भी बच्चे को खांसी या जुकाम होता है. परिजन हमारे पास लेकर आते हैं. घबराए हुए होते हैं. बच्चों को वीजिंग की समस्या बाते हैं. तमाम लोग आते हैं. जो बच्चों में वीजिंग की शिकायत करते हैं. जबकि, 90 प्रतिशत केस में यह वीजिंग नहीं है. आप सीधे बताएं. कि, बच्चे को खांसी हो गई. कुछ आवाज आ रही है. यह छह से आठ माह के बच्चों में ऐसा होता है. बीते दिनों में यह समस्या खूब सामने आ रही है. इससे घबराएं नहीं. डाॅक्टर के पास जाएं तो उससे बातचीत में मेडिकल टर्मलाॅजी का उपयोग न करें. उन्हें अपने अंदाज में समझाएं. इससे चिकित्सक आगे की बातें सोचेगा. पैनिक मत होइए.
खांसी के साथ उल्टी से कफ बाहर होता है
बैंगलुरू के शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. सैय्यद मुजाहिद हुसैन ने बताया कि, दो तीन माह से ऐसे अधिक बच्चे आ रहे हैं. सर्दी, खांसी और जुकाम से परेशान हैं. इससे माता पिता परेशान हैं. मैं उनका दर्द समझता हूं. मगर, आप घबराए नहीं. मेरा भी बच्चा बीते दिनों से लगातार खांसी से परेशान है. अभी तमाम ऐसे पेरेंटस आ रहे हैं कि, उनका बेबी बेटा या बेटी बहुत खांसता हैं. बेबी खांसते खांसते उल्टी कर देता है. इससे घबराएं नहीं. क्योंकि, बच्चे थूक नहीं पाते हैं. इससे उनका कफ बाहर आता है. क्योंकि, जब खांसी के दौरान बच्चा उल्टी कर रहा है तो उसका कफ बाहर हो रहा है. खांसी के साथ उल्टी होने का यह एडवांटेज है. इसका डिसएडवांटेज भी है. बार बार खांसी के साथ उल्टी करने से बेबी ने जो खाया है. वो सब बाहर निकाल जाता है. जिससे बेबी डिहाइडे्रशन का शिकार हो सकता है. इसलिए, बच्चे को खूब पानी पिलाएं. जूस पिलाएं. लिक्विड खूब दें. जिससे बच्चो में पानी की कमी नहीं होगी. उसे खाना भी दें.
घबराएं नहीं, बच्चों को एंटीबाॅयोटिक ज्यादा न दें
बैंगलुरू के शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. सैय्यद मुजाहिद हुसैन ने बताया कि, मौसम में बदलाव हो रहा है. हर कोई उससे परेशान है. इस मौसम में बच्चे खूब सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार की चपेट में आ रहे हैं. मगर, हर बच्चे को भर्ती करने की जरूरत नहीं है. हर बच्चे को एंटीबाॅयोटिक देने की जरूरत नहीं हो रही है. ज्यादा एंटीबाॅयोटिक का सेवन ज्यादा नहीं कराएं. यह सही नहीं है. यह एलर्जिक है. मौसम के बदलाव से बेबी को सर्दी, खांसी और जुकाम हो रहा है. इसलिए, घबराएं नहीं. पैनिक क्रिएट नहीं कीजिए. यदि आपका बच्चा टाॅयलेट नहीं कर रहा है. कमजोर हो रहा है. बुखार नहीं जा रहा है. बच्चे में निमोनिया के लक्षण हैं. आपका बच्चा सुस्त है तो उसे तत्काल अच्छे शिशु रोग विशेषज्ञ को दिखाएं. उसकी जांच कराएं. जिससे समय पर बच्चे का उपचार शुरू किया जा सके. घबराएं नहीं. बार बार चिकित्सक के पास मत जाइए. घबराइए नहीं. पैरेंटस रोने लगते है. जबकि, ऐसा कुछ बच्चे को परेशानी नहीं होती है. इसलिए, बच्चों की बेहतर केयर करें. उन्हें घुमाएं. मगर, खुद बच्चों को दवाएं न दें.
क्या होती है वीजिंग (Wheezing)
वीजिंग (Wheezing) एक मेडिकल साइंस का शब्द है. अक्सर करके कई छोटे बच्चों के गले से सांस लेते समय घरघराहट या सीटी जैसी आवाज सुनाई देती है. जिसे अंग्रेजी में वीजिंग (Wheezing) कहते हैं. लगभग 30% बच्चों में वीजिंग (Wheezing) यानी घरघराहट का कारण अस्थमा, इंफेक्शन, GERD, या एलर्जी की वजह से होता है.