नई दिल्ली.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय अब ई संजीवनी के साथ ही पहली बार टेलिडायग्नोस्टिक सेवाओं की भी शुरुआत करने जा रहा है. जिससे मरीज सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी जांच कराने के साथ ही रिपोर्ट भी ई संजीवनी पोर्टल पर अपलोड कर सकेगा. जिससे डॉक्टर जांच रिपोर्ट देखकर मरीज को बेहतर और उपयुक्त उपचार सुझाएंगे.
बता दें कि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना से ठीक पहले देश में ई संजीवनी ओपीडी सेवाओं की शुरुआत की थी. जिससे ई संजीवनी ऐप और पोर्टल के जरिए मरीज आसानी से डॉक्टर्स से परामर्श ले सकें. अभी हाल की बात करें तो ई संजीवनी से दस करोड़ परामर्श पूरे हुए हैं. जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मन की बात में रविवार को इसका जिक्र भी किया था. केंद्र सरकार अब ई संजीवनी में चार नए फीचर जोड़े जा रहे हैं. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण फीचर टेलिडायग्नोस्टिक का है. जिसके तहत वेलनेस केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की सभी जांच मशीनों को ई संजीवनी पोर्टल से जोड़ी जा रही हैं. जिससे मरीज की रिपोर्ट सीधे ई संजीवनी पोर्टल पर पहुंचेगी.
11 क्षेत्रीय भाषाओं में अब ई-संजीवनी एप
केंद्रीय मंत्रालय की ओर से ई संजीवनी पोर्टल और एप में दूसरा सबसे अहम फीचर
11 क्षेत्रीय भाषाओं का जोड़ रहा है. जल्द ही ई संजीवनी सेवा अन्य भाषाओं में शुरू हो जाएगी. वैसे अभी तक यह सिर्फ अंग्रेजी में थी. इसके साथ ही तीसरा फीचर केंद्र सरकार मानसिक रोगों के लिए अलग से शुरू की गई टेलिमेडिसिन सेवा मानस भी ई संजीवनी से लिंक कर रही है. ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों एवं एप के जरिए अभी अलग.अलग चलने वाली ई संजीवनी सेवा को भी अब मिलाया जा रहा है. जिससे लोगों को एक ही एक प्लेटफॉर्म प्लेटफार्म पर जाना होगा. इस सेवा के तकनीकी के संचालन की जिम्मेदारी सीडैक मोहाली की है.
ओपीडी की क्षमता की जा रही दस लाख
इस बारे में सीडैक मोहाली में प्रोजेक्ट डाॅयरेक्टर संजय सूद का कहना है कि, कई राज्यों में यह सेवा 24 घंटे चल रही है. कई राज्य तो छुट्टी वाले दिन भी यह सेवा चलाते हैं. ई संजीवनी के नए स्वरूप में न सिर्फ इसमें नए फीचर जोड़े जा रहे हैं. बल्कि इसकी दैनिक ओपीडी क्षमता को भी दोगुना किया जा रहा है. अभी अधिकतम पांच लाख मरीज को एक दिन में देखा जा सकता है. जबकि भविष्य में यह क्षमता दस लाख तक हो जाएगी.
मशीनें जोड़ने का काम चल रहा
सीडैक मोहाली में प्रोजेक्ट डाॅयरेक्टर संजय सूद का कहना है कि, स्वास्थ्य केंद्रों पर मौजूद मशीनों को ई संजीवन पोर्टल से जोड़ने पर काम तेजी से चल रहा है. इसमें आवश्यक तकनीकी सुधार किए जा रहे हैं. जिससे भविष्य में जो नई मशीनें खरीदी जाएंगी. उनमें भी ये सभी फीचर अनिवार्य किए जा रहे हैं.