नई दिल्ली.
देश की महिलाओं में मोटापा, खानपान और खराब जीवनशैली ही रक्तचाप (blood pressure) के लिए जिम्मेदार नहीं है. महिलाओं में बढते ब्लड प्रेशर (blood pressure) की वजह लैंगिक अपराध भी है. जिसमें घरेलू हिंसा, ज्यादा बच्चे पैदा करना भी एक बडा कारण है. इससे भी महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ा रहा है. महिलाओं में दिल और किडनी जैसी बीमारी की संभावना बढ़ गई है. यह चैंकाने वाला खुलासा दिल्ली के जीटीबी अस्पताल और पीजीआई चंडीगढ़ के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की स्टडी रिपोर्ट में हुआ है. इस स्टडी की प्रमुख अध्ययनकर्ता डॉ. प्रगति छाबड़ा हैं.
बता दें कि, देश में 15 से 49 साल की उम्र वाली 11.8 फीसदी महिलाएं उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं. इससे उन्हें लिवर, किडनी, दिल और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारी चपेट में ले रही हैं. यह खुलासा दिल्ली के जीटीबी अस्पताल और पीजीआई चंडीगढ़ के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की स्टडी रिपोर्ट में हुआ है. यह स्टडी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की सालाना रिपोर्ट के आधार पर की गई है. जिसमें 15 साल से 49 साल की उम्र वाली 699686 महिलाओं को शामिल किया गया.
स्टडी रिपोर्ट से डॉक्टरों का दावा है कि, घरेलू हिंसा, ज्यादा उम्र में बच्चे पैदा करना, ज्यादा बच्चे पैदा करना, 12 साल से कम उम्र में मासिक धर्म शुरू होना, गर्भ निरोधक गोलियों का ज्यादा इस्तेमाल करना, गर्भशय की सर्जरी होना भी महिलाओं में उच्च रक्तचाप की वजह है.
अभी तक विशेषज्ञों की ओर से मोटापा, शराब, धूम्रपान और खराब जीवनशैली को ही रक्तचाप का खतरा माना है. अब डॉक्टरों ने बताया कि, महिलाओं में लैंगिक समस्याएं भी मधुमेह का खतरा बढ़ाती हैं. ऐसे में इन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए.