Fake Doctor News India: उप्र के मैनपुरी पुलिस ने फर्जी डिग्री और रजिस्ट्रेशन से अल्ट्रासाउंड संचालित करने वाले एक डॉक्टर को दबोच कर जेल भेजा है. शिकायत पर दस्तावेजों की जांच में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
मैनपुरी, उत्तर प्रदेश.
Fake Doctor News India: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में एमबीबीएस की फर्जी डिग्री के सहारे एक डाॅक्टर लंबे समय से अपना अल्ट्रासाउंड सेंटर चला रहा था. स्वास्थ्य विभाग की जांच में फर्जी डिग्री और रजिस्ट्रेशन का मामला सामने आया है. जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने फर्जी डिग्री और रजिस्ट्रेशन कराने वाले डॉ. सुभाष चंद्र के खिलाफ सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया. जिस पर मैनपुरी की सदर थाना पुलिस ने एमबीबीएस की फर्जी डिग्री के सहारे लंबे समय तक अल्ट्रासाउंड सेंटर चला रहे तथाकथित रेडियोलॉजिस्ट डॉ. सुभाष चंद्र को मंगलवार को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. उसने नोएडा के एक डॉक्टर्स के जरिए 80 लाख रुपये में फर्जी डिग्री और रजिस्ट्रेशन खरीदा था. जिसकी किश्ते भी नोएडा के डॉक्टर को दे रहा था. अब आरोपी ने स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जिससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर अंगुली उठ रही हैं.

बता दें कि मैनपुरी में कचहरी रोड स्थित जिला अस्पताल के सामने राज अल्ट्रासाउंड सेंटर है. जहां पर तैनात रेडियोलॉजिस्ट सुभाष चंद्र निवासी बुढाना, शामली है. जब सुभाष चंद्र के दस्तावेजों की स्वास्थ्य विभाग ने जांच की तो चौंकाने खुलासा हुआ. सुभाष चंद्र की एमबीबीएस की डिग्री और रजिस्ट्रेशन नंबर फर्जी हैं. जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करके आरोपी सुभाष चंद्र के खिलाफ सदर कोतवाली में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया. जिस पर मैनपुरी की सदर थाना पुलिस ने मंगलवार को सुभाष चंद्र को जेल भेज दिया.
फर्जीवाड़े में सहयोगी है स्वास्थ्य विभाग
मैनपुरी पुलिस की पूछताछ में आरोपी सुभाष चंद्र ने खुलासा किया है कि वह इस धोखाधड़ी में अकेला शामिल नहीं है. फर्जी डिग्री हासिल करने में उसने लाखों रुपये खर्च किए और एक साल से अधिक समय तक अल्ट्रासाउंड सेंटर पर काम करता रहा. जिसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भी थी. सुभाष चंद्र का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग में ही ऐसे लोग मौजूद हैं, जो गलत कामों में सहयोग करते हैं. जानबूझकर उसके कागजात जांच के नाम पर लंबे समय तक लटकाए रखे. ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.
अब डॉक्टर्स की डिग्री का होगा सत्यापन
नोडल अधिकारी डॉ. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि फर्जी डिग्री से डॉक्टर बनकर पंजीकरण कराने का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अब जिले में संचालित सभी निजी क्लीनिक, अस्पताल और अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर तैनात डॉक्टरों की डिग्री की जांच करा रहा है. अस्पतालों के नवीनीकरण और पंजीकरण से पहले डॉक्टरों के चिकित्सकीय अभिलेखों की जांच अनिवार्य है. जिले में 130 निजी क्लीनिक, अस्पताल और पैथोलाॅजी संचालित हैं. जिनमें करीब 80 बाहरी जिले के डॉक्टर्स के नाम से पंजीकरण कराए गए हैं.