Fake Drug Syndicate: उत्तर प्रदेश एसटीएफ और औषधि विभाग की टीम ने आगरा में नकली दवाओं के अंतरराष्ट्रीय काले कारोबार का पर्दाफॉश किया है. आगरा से नकली दवाओं का सिंडीकेट देश के कई राज्यों के साथ नेपाल, बांग्लादेश और भूटान तक फैला है. पहली बार चेन्नई से आई खेप ने नकली दवाओं के काले कारोबार के नए नेटवर्क का खुलासा हुआ है.
आगरा, उत्तर प्रदेश.
Fake Drug Syndicate: उत्तर प्रदेश एसटीएफ और औषधि विभाग की टीम ने आगरा में नकली दवाओं के काले कारोबार पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. एसटीएफ और औषधि विभाग ने करीब दो माह की छानबीन और रेकी के बाद यह कार्रवाई की है. जिसमें अभी तक 3.32 करोड़ रुपये की नकली दवाएं बरामद हुईं. इसके साथ ही नकली दवाओं के काले कारोबार का सरगना हिमांशु अग्रवाल को एक करोड़ रुपये रिश्वत देने की कोशिश में गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है. यह रकम सरकारी खजाने में जमा कराई है. आगरा से नकली दवाओं का सिंडीकेट देश के कई राज्यों के साथ नेपाल, बांग्लादेश और भूटान तक फैला है. पहली बार चेन्नई से आई खेप ने नकली दवाओं के काले कारोबार के नए नेटवर्क का खुलासा हुआ है. जिसमें असली बिल और पैकिंग में नकली दवाएं खपाने का खुलासा हुआ है. आज भी कार्रवाई जारी है.

बता दें कि आगरा में एसटीएफ और औषधि विभाग की संयुक्त कार्रवाई करके नामी गिरामी कंपनियों की नकली दवाइयों की बिक्री करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. टीम ने जाइडस, ग्लेनमार्क, सन फार्मा और सनौफी जैसी बड़ी कंपनियों की नकली दवाइयां जब्त की हैं. एसटीएफ और औषधिक विभाग की टीम ने शुक्रवार को फव्वारा बाजार में मुबारक महल स्थित हे मां मेडिको और गोगिया मार्केट स्थित बंसल मेडिकल स्टोर पर छापा था. हे मां मेडिकल स्टोर के सैयद गली मोतीकटरा स्थित गोदाम पर भी छापामार कार्रवाई हुई तो वहां पर एक ऑटो से माल उतारने की तैयारी थी. जिसमें बिल करीब 10 लाख रुपये था. लेकिन, माल लगभग 80 लाख का था. जिस पर माल जब्त करके दूसरे गोदामों पर भी छापेमारी की. अब तक 3.23 करोड़ रुपये की दवाएं पकड़ी गईं.
Fake Drug Syndicate: पांच साल तक की कैद और जुर्माना
एसटीएफ और औषधि विभाग की कार्रवाई रोकने के लिए एक करोड रुपये की रिश्वत देने की कोशिश में धरे गए दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल पर शिकंजा कसा है. अभी उसे भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 8 के तहत दबोचा है. जिसमें छह माह से लेकर पांच साल तक की कैद और जुर्माने की सजा है. इस बारे में बस्ती के सहायक औषधि आयुक्त नरेश मोहन दीपक ने बताया कि अभी उसे भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 8 के तहत दबोचा गया है. नकली दवाओं के मामले में जांच जारी है. जांच पूरी होने में अभी समय लगेगा.
परिजन फरार, घर पर लगा ताला
एसटीएफ और औषधि विभाग के अधिकारी जब उसके कर्मयोगी कमलानगर स्थित घर पर पहुंचे तो वहां पर ताला लगा था. आसपास पूछताछ करने के बाद टीम उसके मोतीकटरा स्थित दूसरे गोदाम पंजाब एंड सिंध बैंक के पास पहुंची. जहां पर ताला लगा हुआ है. जिसके बाद टीम वापस कोतवाली थाना पर लौट गई. औषधि आयुक्त ने बताया कि हिमांशु अग्रवाल के परिवार में किसी की तबीयत खराब होने और अस्पताल में भर्ती है. इसलिए गोदाम से बरामदगी नहीं हुई है.
हवाला के कनेक्शन का खुलासा
जेल गए दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल ने बस्ती के सहायक औषधि आयुक्त नरेश मोहन दीपक और एसटीएफ निरीक्षक यतींद्र शर्मा को एक करोड़ रुपये रिश्वत का ऑफर दिया था. एसटीएफ निरीक्षक यतींद्र शर्मा ने बताया कि हिमांशु से इतनी बड़ी रकम कुछ ही घंटों में जुटाने के बारे में पूछताछ की. जिसमें पता चला कि यह रकम हवाला के जरिए जरूरत पड़ने पर उसने मंगवाई थी. उससे सख्ती से हवाला कारोबारी का नाम पूछा है. मगर, उसने नाम नहीं बताया है. अब हिमांशु के यहां पर जीएसटी, आयकर और अन्य संबंधित विभाग कार्रवाई करेंगे.
छोटे मकान से आलीशान कोठी तक पहुंचा
बता दें कि नकली दवाओं का सरगना हिमांशु अग्रवाल कभी यमुना किनारे की बल्केश्वर बस्ती में एक छोटे मकान में रहता था. करीब 15 सालों में उसने ऐसी तरक्की की. जिससे कर्मयोगी एंक्लेव स्थित आलीशान कोठी में खरीदी. घर में चार-पांच महंगी गाड़ियां हैं. हिमांशु अपने चाचा बबलू दवाई के साथ दवाइयों के कारोबार में उतरा था. सबसे पहले उसने बौहरे रामगोपाल मार्केट में जेनरिक दवाओं की छोटी सी दुकान खोली थी. जहां पर कुछ साल बाद टैक्स चोरी की दवाओं और फिर नकली दवाओं के नेटवर्क से हिमांशु जुड़ गया.
नकली स्टेरॉयड बेचते हुए भी पकड़ा गया था
बता दें कि कोविड काल के बाद नकली स्टेरायड बेचते हिमांशु अग्रवाल पकड़ा गया. लेकिन, छूट गया. नकली दवा पकड़े जाने या अवैध कारोबार में खुद का नाम आने पर बैग में रकम लेकर पहुंच जाता है. रिश्वत देकर हर बार बच जाता है. बीते पांच सालों में उसने दिल्ली, हरियाणा समेत 12 राज्यों में नकली दवाइयों का बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया था.
12 से अधिक विख्यात कंपनियों का स्टॉक
नकली दवाओं से हिमांशु ने करोड़ों दौलत कमाई और आलीशान कोठी बनवाई. उसके पास एक दर्जन से अधिक विख्यात फार्मास्युटिकल कंपनियों का संदिग्ध स्टॉक के सबूत हैं. जब उसकी दुकान और गोदाम पर छापा पड़ा तो उसने कई प्रभावशाली लोगों से सिफारिश भी लगवाईं.