Fake Hospital: आगरा में लगातार फर्जी दस्तावेज और पंजीकरण कराए अस्पताल संचालित करने के मामले सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुरुवार को फतेहाबाद कस्बा में कृष्णा अस्पताल में छापा मारकर जांच की.
आगरा, उत्तर प्रदेश.
Fake Hospital: आगरा के फतेहाबाद कस्बा में कृष्णा हॉस्पिटल फर्जी दस्तावेजों पर चल रहा था. अस्पताल के पंजीकरण में डॉक्टर के फर्जी कागज लगाए गए थे. इसकी शिकायत हुई तो गुरुवार को शिकायत पर जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारा. जांच टीम ने अस्पताल (Fake Hospital) का पंजीकरण रद्द करने की कार्रवाई शुरू की है.
बता दें कि फतेहाबाद के नयापुरा निवासी राकेश ने मुख्य चिकित्साधिकारी और मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की थी. आरोप था कि बच्ची के पैर में सेप्टिक फैलने पर इलाज के नाम पर उनसे लाखों रुपये वसूले गए. लेकिन, उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ है. एसीएमओ डॉ. जितेंद्र लवानिया व जिला निरीक्षक जगपाल चाहर ने गुरुवार को कृष्णा अस्पताल में जांच को पहुंचे. जांच में मरीज के जांच संबंधी कागज मांगे. अस्पताल संचालक ने बताया कि फाइल दूसरे अस्पताल में है. जिस पर टीम ने अस्पताल का पंजीकरण देखा तो ज्ञात हुआ कि रिन्युअल नहीं हुआ है. कृष्णा अस्पताल संचालक ने पंजीकरण में डॉ. प्रभात के दस्तावेज लगाए थे. जब जांच टीम ने डॉ. प्रभात को फोन करके मौके पर बुलाया. टीम के अनुसार डॉ. प्रभात ने साफ इंकार कर दिया कि उनके द्वारा पंजीकरण के लिए कागज नहीं दिए गए हैं.
डॉक्टर ने किया इनकार, अब भेजी रिपोर्ट
एसीएमओ डॉ. जितेंद्र लवानिया ने बताया कि पंजीकरण में जो कागज व हस्ताक्षर किए गए हैं. वो उनके नहीं हैं. डॉक्टर के बयान के बाद अस्पताल के पंजीकरण को रद्द करने के लिए रिपोर्ट भेजी गई है. एसीएमओ डॉ. जितेंद्र लवानिया ने बताया कि मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत मिली थी. उसके आधार पर अस्पताल का निरीक्षण किया. यहां डॉ. प्रभात के फर्जी कागज लगाकर पंजीकरण कराया गए हैं. फोन पर डॉ. प्रभात से इसकी पुष्टि हुई है. उन्होंने लिखित में भी दिया है कि अस्पताल के पंजीकरण को रद्द किया जाए. जिसकी रिपोर्ट मुख्य चिकित्साधिकारी को दी गई है.