आगरा में एक महिला चिकित्सक ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर माउथ टू माउथ रेस्पेरेशन से नवजात की जान बचा ली. प्रसव के बाद मासूम की सांसे नहीं चल रही थीं. नवजात की की किलकारी नहीं गूंजने पर चिकित्सक और परिजन दोनों ही घबरा गए. इस पर नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ महिला चिकित्सक ने तत्काल नवजात को माउथ टू माउथ रेस्पेरेशन तकनीक से श्वांस दी. करीब सात मिनट बाद इससे नवजात की सासें लौट आईं. अब वे हेल्दी है. मासूम की जान बचाने वाली चिकित्सक का वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
मामला आगरा के एत्मादपुर कस्बा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. जहां पर परिजन अपने साथ खुशबू नाम की महिला प्रसव पीड़ा होने पर लेकर आए. चिकित्सकों की टीम ने खूशबू का प्रसव कराया. मगर, तब नवजात शिशु की सांस नहीं चल रही थी. यह देखकर चिकित्सकों की टीम ने उसे तत्काल ऑक्सीजन दी. मगर, उससे भी कोई रेस्पांस नहीं आया. यह देखकर सामुदायिक स्वासथ्य केंद्र की नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुरेखा ने नवजात को माउथ टू माउथ रेस्पेरेशन तकनीक से श्वांस दी. जिससे नवजात की जान बच गई.
परिजन और सभी खुश, कर रहे सराहना
नवजात शिशु की सांसे आने से प्रसूता खुशुबू और उसके परिजन बेहद खुश हैं. सभी डॉ. सुरेखा की सूझबूझ और उनके किए गए कार्य की खूब सराहना कर रहे हैं. इसके साथ ही नवजात की जिंदगी बचाने के लिए चिकित्सक की जद्दोजहद का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहा है. हर कोई डॉ. सुरेखा के इस कदम की सराहना कर रहा है.
खून से लथपथ था नवजात पर डॉक्टर ने निभाया फर्ज
नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेखा बताती हैं कि, डिलीवरी के बाद नवजात की सफाई भी नहीं हुई थी. उस वक्त इन सब बात का ख्याल नहीं था. मुझे बस मासूम को बचाने की कोशिश करनी थी. जिससे नवजात को बचाया जा सके. मैंने जब नवजात की जान बचाने के लिए उसे मुंह से सांस देना शुरू की. उसकी पीठ रगड़ी. डॉ सुरेखा ने बताती हैं कि, करीब सात मिनट तक ऐसा करने से नवजात की सांसें लौटीं. अब वह बिल्कुल स्वस्थ्य है.