आगरा.
भले ही देश की संसद ने गर्भपात पर काननू बनाया है. जिससे मातृ मृत्यु दर में कमी आए. नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन (एनएमओ) की ओर से देशभर में गर्भपात संबंधी कानून-2017 में किए गए संशोधन की जागरूकता के लिए पहल कर रही है. शनिवार को एनएमओ की आगरा शाखा की एमजी रोड स्थित होटल होलीडे इन में संगोष्ठी आयोजित की. जिसमें शामिल होने एनएमओ के अध्यक्ष डॉ. मनु भाई पटेल आगरा आए. उन्होंने संगोष्ठी की अध्यक्षता की.
एनएमओ कर रहा जागरूकता की पहल
संगोष्ठी में संबोधित करते हुए डॉ. मनुभाई पटेल ने कहा कि, विश्व में प्रतिवर्ष 220 लाख गर्भपात होते हैं. जिनमें से 70 लाख गर्भपात हर साल भारत में होते हैं. भारत में होने वाले 50 प्रतिशत से गर्भपात ‘अनसेफ और इल्लीगल’ होते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह गर्भपात संबंधी कानून 2017 के प्रति लोगों की जानकारी नहीं होना. और विशेषज्ञों की कमी भी इसकी अहम वजह है. इसलिए एनएमओ की ओर से देश भर में इसी तरह से संगोष्ठी आयोजित करके लोगों को जागरूक किया जाएगा.

यूपी में अनसेफ गर्भपात से मौत अधिक
एनएमओ अध्यक्ष डॉ. मनु भाई पटेल ने कहा कि, देश में महिला की होने वाली कुल मृत्यु दर में 8 फ़ीसदी गर्भपात संबंधी कारणों से होती है. उत्तर प्रदेश में प्रत्येक एक लाख गर्भवती महिलाओं में से 160 महिलाओं की मृत्यु होती है.
गर्भपात करने वाली की गोपनीयता जरूरी
डॉ. मनु भाई पटेल बताते हैं कि, गर्भपात संबंधी कानून-2017 में संशोधन के बाद सबसे बड़ा अहम कदम यह है कि, गर्भपात कराने वाली किशोरी, युवती और महिलाओं की पूरी गोपनीयता रखी जाती है. इतना ही नहीं पर्चे पर गर्भपात कराने वाली का नाम भी नहीं होता है. इसकी जगह सिर्फ पर्चा पर नंबर लिखा होता है. उन्होंने यह भी बताया कि, असुरक्षित और अवैध गर्भपात को रोकने के लिए कानून में मेडिकल बोर्ड बनाने के निर्देश हैं. यह सही तरह से पालन तभी हो सकता है. जब हर जिले और बड़े शहरों में मेडिकल बोर्ड का गठन कर दिया जाए. क्योंकि, मेडिकल बोर्ड में शामिल विशेषज्ञ ही विशेष परिस्थिति में गर्भपात कराने की अनुमति देते हैं. इससे भी असुरक्षित और अवैध गर्भपात पर अंकुश लगेगा.
मातृ मृत्यु दर की वजह अवैध गर्भपात
एनएमओ के राष्ट्रीय सलाहकार डॉ. पवन गुप्ता ने कहा कि, झोलाछाप और बिना स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह के गर्भपात संबंधी दवा लेना भी इसकी सबसे बड़ी वजह है. मातृ मृत्यु दर की सबसे बड़ी वजह है. इस अवसर पर एनएमओ के शहर सचिव डॉ. भूपेंद्र चाहर ने कहा कि, इस बारे में गर्भपात संबंधी कानून की जन जागरूकता बेहद जरूरी है. और हम सब मिलकर जन जागरूकता करेंगे. तो जन-जन तक गर्भपात संबंधी कानून पहुंच जाएगा. और इससे असुरक्षित और अवैध गर्भपात पर रोक लगेगी.
एनएमओ के शहर कोषाध्यक्ष डॉ. करण रावत ने कहा कि, असुरक्षित और अवैध गर्भपात की सबसे बड़ी वजह लाभार्थी के मन में गोपनीयता भंग होने का भय और लोक लाज होती है. इसी वजह से इस प्रक्रिया में खर्चा भी अधिक होता है. संगोष्ठी में एनएमओ के संगठन सचिव डॉ. दिनेश राठौर, शहर अध्यक्ष डॉ. अभिलाषा प्रकाश के साथ ही डॉ. प्रीति भारद्वाज भी उपस्थित रहीं.