Health News: देश में उम्र 30 वर्ष या उसे अधिक उम्र वालों की हेल्थ स्क्रीनिंग की जाएगी. इस अभियान में प्रशिक्षित आशा वर्कर या एएनएम या फिर फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर घर-घर जाकर कैंसर और मधुमेह की जांच करेंगे.
नई दिल्ली.
Health News: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कैंसर और मधुमेह के मरीजों की स्क्रीनिंग को लेकर एक अभियान शुरू किया है. जिसमें प्रशिक्षित आशा वर्कर या एएनएम या फिर फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर घर-घर जाकर कैंसर और मधुमेह की जांच करेंगे. ऐसे में यदि आपकी उम्र 30 वर्ष या उसे अधिक है. ऐसे में यदि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई आपके घर का दरवाजा खटखटाएं तो घबराएं नहीं. ये अपनी स्वास्थ्य जांच करने के लिए भेजी गई टीम है. इस टीमें शामिल आपका स्वास्थ्य जांचने आए हैं. कही आप ब्लड प्रेशर, मधुमेह या मुंह, स्तन या सर्विकल कैंसर से ग्रस्ति तो नहीं हैं.

बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को गैर-छुआछूत के रोगों और सामान्य कैंसर का पता लगाने के लिए एक अभियान शुरू किया है. इस अभियान में घर-घर जाकर 30 वर्ष और इससे अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों की 100 प्रतिशत जांच की जाएगी. ये विशेष अभियान 20 फरवरी से 30 मार्च तक चलेगा. जिसका उद्देश्य गैर-छुआछूत रोगों (एनसीडी) के साथ मुंह, स्तन और सर्विकल कैंसर की जल्द पहचान करके समय पर इलाज सुनिश्चित करना है.
Health News: निगरानी को नोडल अधिकारी चुने जाएंगे
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस विशेष अभियान में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (एएएम) और देशभर के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में राष्ट्रीय गैर-छुआछूत रोग रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) में लगे लोगों को जिम्मेदारी दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इसको लेकर कहा गया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति जैसे बीपी मानिटर, ग्लूकोमीटर और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी. अभियान में जांच, उपचार और फॉलोअप का डाटा प्रतिदिन एनपी-एनसीडी पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा. इस अभियान के लिए प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. राज्य और केंद्र शासित प्रदेश प्रतिदिन शाम छह बजे तक मंत्रालय को अपडेट प्रदान करेंगे. जिससे निरंतर निगरानी की जा सके.
Health News: देश में बढ़ रहे एनसीडी के मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ये स्क्रीनिंग अभियान ऐसे समय में शुरू किया गया है. जब देश में एनसीडी के मामलों में वृद्धि हो रही है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय पोषण संस्थान (आइसीएमआर-एनआइएन) के आंकड़े देखें तो देश में कुल मृत्यु दर में एनसीडी का हिस्सा 66 प्रतिशत हैं. हृदय रोग, मधुमेह, पुराने श्वसन रोग और कैंसर सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं. इनमें 30 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों शामिल हैं. अभियान का उद्देश्य एनसीडी के लिए प्रारंभिक पहचान और समय पर इलाज सुनिश्चित करना है.