अक्सर करके महिलाएं जब 45 से 50 की उम्र पर पहुंचती हैं तो उनके पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं. जो एक नेचुरल प्रोसेस है. जिसे मेनोपॉज कहते है. मेनोपॉज से पहले ही महिलाएं ऐसी शिकायत करती हैं तो यही पेरिमेनोपॉज स्टेज हैं. mobycapsule.com के इस आर्टिकल में पेरिमेनोपॉज स्टेज, उनके लक्षण और उसे मैनेज करने के तरीके बताए जाएंगे.
यूं समझे पेरिमेनोपॉज
मेनोपॉज के आसपास वाला समय ही पेरिमेनोपॉज है. जब महिलाओं में 30 से 40 की उम्र में पीरियड्स अनियमित होने लगें या अन्य लक्षण दिखाई देने लगते हैं. जिसमें पीरियड्स में ब्लीडिंग अधिक होना, पीरियड्स के समय 1 से 2 घंटे में पैड बदलना समेत अन्य लक्षण आए तों तो सतर्क हो जाएं. तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें. लापरवाही बरतने से पेरिमेनोपॉज के गंभीर कॉम्प्लिकेशंस सामने आ सकते हैं.
पेरिमेनोपॉज के लक्षण
- नींद कम आना.
- मूड स्विंग्स होना.
- हड्डियां कमजोर होना.
- सोने में पेशाब छूटना.
- वजाइना में सूखापन.
- फर्टिलिटी कम होना.
- सेक्स ड्राइव कम होना.
- खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ना.
यूं करें पेरिमेनोपॉज को मैनेज
- वजन कंट्रोल करें.
- तनाव से दूर रहें.
- रोजाना योगासन करें.
- रोजाना मेडिटेशन करें.
- शराब व धूम्रपान छोड़ें.
- हर सुबह एक्सरसाइज करें.
- संतुलित आहार का सेवन.
- सोने का सही रूटीन बनाएं.
(Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारी पर आधारित है. ऐसी शिकायत होने पर इसके बचाव के तरीके / इलाज के लिए चिकित्सीय सलाह जरूर लें.)