नई दिल्ली.
स्वतंत्रता दिवस पर देश की एक बेटी को वायुसेना मेडल से सम्मानित किया गया. जी हां. हम बात करे हैं विंग कमांडर दीपिका मिश्रा की. जिन्होंने असाधारण साहस और कर्तव्य परायणता का परिचय देकर अगस्त 2021 को उत्तरी मध्यप्रदेश के शिवपुरी में अचानक आई बाढ़ में देवदूत बनीं. दीपिका मिश्रा ने खराब मौसम और बाढ़ की परवाह किए बगैर 47 लोगों की जान बचाकर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.
बता दें कि, अगस्त 2021 में मप्र में बारिश और बाढ से हाहाकार मचा था. सैकड़ों लोग पानी में फंस गए. कोई मकान की छत पर था तो कोई खेत में पानी से घिरा था. मौसम बेहद खराब था. रोशनी कम थी और तेज हवाएं चल रही थीं. ऐसे ही विकट परिस्थितियों में लोगों को बचाने की जिम्मेदारी वायुसेना की पायलट विंग कमांडर दीपिका मिश्रा को सौंपी गई. दीपिका मिश्रा ने तमाम बाधाओं से जूझते हुए आठ दिनों में हेलीकॉप्टर से 47 लोगों की जान बचाई.
2006 में पासआउट
दिसंबर 2006 में वायुसेना एकेडमी से विंग कमांडर दीपिका पासआउट हुई थीं. पहले शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत आईं महिला पायलट सिंगल इंजन हेलीकॉप्टर ही उड़ा सकती थी. सन 2010 में वायुसेना ने महिला पायलटों को भी डबल इंजन वाले मध्यम और भारी हेलीकॉप्टर उड़ाने की अनुमति दे दी. विंग कमांडर दीपिका मिश्रा ने बरेली और ऊधमपुर वायुसेना अड्डों की चेतक और चीता हेलीकॉप्टर शाखाओं में कई सौ घंटे उड़ान का अनुभव हासिल किया. दीपिका मिश्रा एक योग्य फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और एक्जामिनर भी हैं.
जनता के बीच सुरक्षा की भावना पैदा की
विंग कमांडर दीपिका ने खुद सड़कों, खेतों और मैदानों में फंसे लोगों को बचाकर हेलीकॉप्टर से सुरक्षित स्थानों पर ले गईं. इस दौरान दीपिका मिश्रा ने सीमित दृश्य संकेतों और पानी के तेज बहाव की परवाह नहीं की. उनके प्रयासों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जनता के बीच सुरक्षा की भावना भी पैदा की.