उरई (उत्तर प्रदेश).
देश में रामचरित मानस की चैपाईयों को लेकर हल्ला मचा हुआ है. रामचरित मानस की चैपाइयों पर खूब राजनीति हो रही है. भाजपा, सपा, बसपा के साथ ही अन्य दल भी अपनी रोटियां सेंक रहे हैं. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या और अन्य विपक्ष दल के नेता रामचरित मानस की चैपाइयों पर आपत्ति जता रहे हैं. तो भाजपा रामचरित मानस की चैपाइयों का सही अर्थ समझा रही है. ऐसे में उरई में रामचरितमानस के नायक प्रभु श्रीराम और माता सीता के आदर्श विवाह की तरह ही दूल्हा और दुल्हन ने एक दूसरे को जयमाला पहनाई. जयमाल कार्यक्रम में रामचरितमानस की चैपाइयां गंूज रही थीं. यह शादी अब यूपी में चर्चा का विषय बन गई है.
बता दें कि, यूपी के उरई जिला के कदौरा में अभिषेक और पूनम की शादी चर्चा का विषय है. इसकी वजह है कि, प्रभु श्रीराम और माता सीता के आदर्श विवाह की तरह दूल्हा अभिषेक और दुल्हन पूनम ने जयमाला कार्यक्रम में शादी के बंधन में बंधे. इस शादी समारोह में भारतीय परंपरा की पौशाक में सजे खड़े दूल्हे अभिषेक के हाथ में सुसज्जित धनुष था. तो सजी धजी हाथ दुल्हन पूनम हाथ में जयमाल लेकर खडी थी. समारोह में घराती और बारातियों की मंडली रामचरित मानस के सीता राम विवाह के प्रसंग का मधुर पाठ कर रहे थे. इस दौरान देसी वाद्यों की सुमधुर आवाज और संगीत से माहौल भक्तिमय था. समारोह में कानफोडू डीजे की जगह पर बेहद कर्णप्रिय संगीत बज रहा था.
शादी समारोह में बराती और घराती खरज से चौपाई उठाते हैं. यह देखकर सही आनंदित हो रहे थे. जब घराती और बारातियों ने पंडित के साथ प्रभुश्रीराम और सीता माता के विवाह की चैपाई सुनाई….
‘लेत चढ़ावत खैंचत गाढ़े, काहुं न लखा देखि सबु ठाढे़।
तेहि छन राम मध्य धनु तोरा, भरे भुवन धुनि घोर कठोरा।।
इस पर दूल्हा अभिषेक ने जैसे ही धनुष तोड़ा तो उस पर बाराती और घरातियों ने पुष्पवर्षा की. सैकड़ों कंठ सियाराम की जयजयकार करने लगाने लगे. यह दृश्य देखकर शादी समारोह में शामिल होने वाले बेहद खुश नजर आए. ऐसा अक्सर रामलीला मंचन के दृश्य में होता है. मगर, शादी समारोह में जयमाल मंच पर यह देखकर सही तारीफ कर रहे हैं.
यूं शादी के बंधन में बंधे पूनम और अभिषेक
मंगलवार रात कदौरा कस्बा के एक गेस्ट हाउस में सावित्री वर्मा और कामता वर्मा की की पुत्री पूनम की शादी हमीरपुर के रमेडी निवासी शिक्षक संतराम वर्मा के बेटा अभिषेक से हुई. शादी समारोह में वरमाला के दौरान डीजे के कानफोडू गीतों की जगह मानस की चौपाइयां गूंजती रहीं. जैसे ही दूल्हा अभिषेक ने शादी समारोह में धनुष भंग किया. वैसे ही दुल्हन पूनम ने जयमाल की रस्म पूरी की.
आदर्श अपनाने का प्रयास
ऐसे आयोजन पर दुल्हन की मां सावित्री वर्मा का कहना है कि, रामचरितमानस सिर्फ पुस्तक भर नहीं है. इसकी हर चौपाई जीवन का एक अचूक मंत्र है. भगवान राम का जीवन आदर्श है. इन्हीं आदर्शों को जीवंत रखने की खातिर एक छोटा सा प्रयास किया है. जो वरपक्ष के सहयोग से ही संभव हुआ है.