ISOCON-2024: तीन दिवसीय 32वीं इंडियन सोसायटी ऑफ ऑटोलॉजी की वार्षिक राष्ट्रीय कार्यशाला में शनिवार को 70 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए. कॉन्फ्रेंस का रविवार को समापन होगा.
आगरा, उत्तर प्रदेश
ISOCON-2024: यदि आप चलते-चलते लड़खड़ाकर गिर जाएं. या आपको चक्कर आए. ये कान की बीमारी की वजह से हो सकता है. इसमें यदि लापरवाही बरती तो आपकी सुनने की क्षमता प्रभावित होगी. इतना ही आप बहरे हो सकते हैं. न्यूरोलॉजी डिसऑर्डर (neurology disorder) , डायबिटीज (diabetes), हृदय रोग (heart disease) के अलावा इस समम्या का सबसे बड़ा कारण (50-60 फीसदी) कान की समस्या है. ये सब जानकारी कलकत्ता के (Dr. Anirvan Biswas) डॉ. अनिरबन विस्वास ने ISOCON-2024 में दी.
फतेहाबाद रोड स्थित होटल जेपी में आयोजित तीन दिवसीय आईसोकॉन यानी (32nd Annual National Workshop of the Indian Society of Otology) इंडियन सोसायटी ऑफ ऑटोलॉजी (ISOCON-2024) की 32वीं राष्ट्रीय वार्षिक कार्यशाला (National Annual Workshop) में कलकत्ता के (Dr. Anirvan Biswas) डॉ. अनिरबन विस्वास ने ये जानकारी दी. उन्होंने बताया कि शरीर को संतुलित रखने और सुनने के यंत्र (नसें) दोनों पास-पास होते हैं. किसी एक में समस्या आने पर दूसरे में भी समस्या होने की सम्भावना बढ़ जाती है. 95 फीसदी मामलों में गलत इलाज किया जाता है. जिससे समस्या ठीक होने के बजाय जीवन भर की परेशानी बन सकती है.
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ISOCON-2024: लत जीवनशैली व स्ट्रेस से बहरापन (Deafness due to addiction, lifestyle and stress)
डॉ. अनिरबन विस्वास ने बताया कि 50-60 वर्ष की उम्र के बाद लगभग 60 फीसदी लोगों में शरीर को संतुलित रखने की समस्या हो सकती है. परन्तु आजकल गलत जीवनशैली व स्ट्रेस के कारण 30 वर्ष की उम्र में भी इस तरह की परेशानी देखी जा रही है. शरीर में असंतुलन बढ़ने से व्यक्ति में असुरक्षा की भावना पैदा होने लगती है. सामान्यतः इलाज के नाम पर रोग को दबाने का काम किया जा रहा है. जिससे व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, एंजायटी और डिप्रेशन की समस्या भी होती है. जबकि, कुछ मामलों में सिर्फ व्यायाम से ही समस्या ठीक हो सकती है. 50 की उम्र के बाद लोगों को फॉल प्रिवेंशन एक्सरसाइज अवश्य करनी चाहिए.
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कोरोना से सडन सेंसरी न्यूजल हेयरिंग लॉस बढ़ा (Sudden sensory numbness hearing loss increased due to corona)
जयपुर से आए (Dr. Rishabh Jain) डॉ. ऋषभ जैन ने बताया कि सर्दी जुकाम में लापरवाही (सडन सेंसरी न्यूजल हेयरिंग लॉस) अचानक सुनने की क्षमता को कम कर रही है. कोविड के बाद ऐसे मामले दोगुने हो गए हैं. जिसका कारण वायरल इंफेक्शन या किसी तरह का ब्लड डिसआर्डर हो सकता है. कान में ब्लड सप्लाई की जटिल क्रिया में व्यवधान होने से सुनने की ऑडिटरी नस डेमेज हो जाती है. जिससे सोते-सोते चानक सुनना बंद हो जाता है. यदि सर्दी जिकाम होने पर अचानक सुनने की क्षमता में कमी या, कानों में सिटी जैसा बजना या बिल्कुल सुनाई देना बंद हो जाएं तो तुरन्त कान विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए. ये बिल्कुल लकवा जैसी स्थिति है. प्रारम्भिक 24 घंटे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. इलाज के लिए सात दिन के बाद इस समस्या का इलाज करने की सम्भावना कम हो जाती है.
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ISOCON-2024 का 10 नवम्बर को समापन (Will conclude on 10 November)
आगरा के फतेहाबाद रोड स्थित होटल जेपी में आयोजित तीन दिवसीय आईसोकॉन (इंडियन सोसायटी ऑफ ऑटोलॉजी) की 32वीं राष्ट्रीय वार्षिक कार्यशाला में शनिवार को 70 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए. आयोजन सचिव डॉ. राजीव पचौरी ने बताया कि कार्यशाला में 300 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जा रहे हैं. कार्यशाला में कनाडा, यूए, श्रीलंका, दुबई, इटली, बंगला देश) देश विदेश के 1200 से अधिक विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं. जिसमें कान बीमारियों व उनके इलाज पर मंथन किया जा रहा है. 10 नवम्बर को दोपहर 12 बजे कार्यशाला का समापन समारोह आयोजित किया जाएगा.