आगरा, उत्तर प्रदेश
Joint transplant: हमारा घुटना और कूल्हा शरीर के उन खास अंगों में शामिल हैं. जो हमें चलने-फिरने, उठने-बैठने या दैनिक जीवन के सभी कामों को करने में मदद करते हैं. यदि घुटना या कूल्हा में किसी प्रकार की चोट, बीमारी या विकार की वजह से इनमें दर्द या दूसरी समस्याएं पैदा होती हैं तो गंभीर परिणाम देखने को मिलते हैं. ऐसी स्थिति में किसी भी मरीज का चलना-फिरना, उठना-बैठना मुश्किल हो जाता है. मगर, इस तरह की बीमारी का सही इलाज है. इसके लिए ऐसे मरीजों को दिल्ली या जयपुर जाने की जरूरत नहीं है. आगरा में ही उनका बेहतर उपचार किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में शुमार उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल (Ujala Cygnus Rainbow Hospital Agra) में ऐसे मरीजों में जोड़ प्रत्यारोपण (Joint transplant) और सर्जरी की जा रही हैं. आइए, उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डाॅ. सिद्धार्थ दुबे से जोड़ प्रत्यारोपण और सर्जरी के बारे में जानते हैं.
आगरा स्थित उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डाॅ. सिद्धार्थ दुबे बताते हैं कि हमारे यहां 60 से 70 प्रतिशत ऐसे मरीज आते हैं. जिन्हें दूसरे अस्पताल दिल्ली, जयपुर समेत दूसरी जगह रेफर करने की सलाह दी गई. जानकारी करके ये मरीज हजारे यहां पर आए. यही वजह है कि इस तरह के मरीजों में हमारा सफलता का परिणाम 99 फीसदी है. पिछले एक साल में 150 से 200 मरीजों के जोड़ प्रत्यारोपित किए गए. इसमें घुटना, कूल्हा, शोल्डर समेत अन्य प्रत्यारोपण शामिल हैं.
98 प्रतिशत तक सर्जरी सफल (Surgery Successful)
हड्डी रोग विशेषज्ञ डाॅ. सिद्धार्थ दुबे बताते हैं कि घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी में रोगग्रस्त जोड़ को कृत्रिम जोड़ से बदल दिया जाता है. जिससे मरीज अपने कृत्रिम जोड़ की मदद से शारीरिक गतिविधियां और अपने कार्य कर सकता है. इस सर्जरी से घुटने के दर्द में राहत मिलती है. ऑपरेशन की सफलता की दर 98 फीसदी से अधिक होती है. घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी के बाद सफलता दर को लेकर लोगों में गलत धारणा है. सर्जरी की सफलता दर कुछ मानदंडों पर निर्भर करती है. जैसे ऑपरेशन के बाद देखभाल, डाइट का पालन और व्यायाम करना बेहद जरूरी है. ऑपरेशन के अगले दिन मरीज चलने फिरने और सीढ़ियां चढ़ने में सक्षम हो जाता है. दो से दिन बाद अस्पताल से मरीज को छुट्टी दे दी जाती है.
बुजुर्गों के घुटने व कूल्हे की सर्जरी फायदेमंद (Knee and hip surgery is beneficial for the elderly)
हड्डी रोग विशेषज्ञ डाॅ. सिद्धार्थ दुबे बताते हैं कि बुजुर्गों के लिए घुटने व कूल्हे की प्रत्यारोपण सर्जरी अधिक फायदेमंद है. क्योंकि, इस उम्र में घुटने के जोड़ में असहनीय दर्द होता है. वैसे कहें तो जोड़ प्रत्यारोपण के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती है. बशर्ते मरीज ऑपरेशन के लिए फिट हो.
डायबिटीज और दिल की बीमारी के मरीज भी सर्जरी (Patients with diabetes and heart disease can also undergo surgery)
हड्डी रोग विशेषज्ञ डाॅ. सिद्धार्थ दुबे बताते हैं कि डायबिटीज, बीपी और दिल के मरीज भी घुटना, कूल्हा प्रत्यारोपण सर्जरी की जा सकती है. सर्जरी से पहले ऐसे मरीजों को सर्जिकल प्रोफाइल की जांच की जाती है. जिससे डाॅक्टर्स पता करते हैं कि मरीज ऑपरेशन लिए स्वस्थ है या नहीं. यदि मरीज ऑपरेशन के लिए स्वस्थ है तो उनकी सर्जरी की जाती है.