बारिश के मौसम में बच्चे पार्क, स्कूल या पार्टी में खूब धमा चौकड़ी करते हैं. जिससे इस मौसम में बच्चों में संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है. मगर, माता पिता के सामने सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि, वे अपने बच्चों को स्कूल या पार्क में खेलने से रोक भी नहीं सकते हैं. इसलिए जरूरी यह है कि, माता पिता खुद सतर्क हों. घरेलू नुस्खे आजमाकर बच्चों को मानसूनी संक्रमण और फ्लू से (how to prevent diseases in rainy season) बचा सकते हैं.
मानसूम में बीमारियों की चपेट में हर साल तीन से छह साल की उम्र में बच्चे एक से दो बार सर्दी और जुकाम की ज़रूर चपेट में आते हैं. यह परेशानी कम से कम दो सप्ताह तक रहती है. छींकने या खांसने से निकलने वाली श्लेष्मा (saliva) बूंदें दूसरों को भी आसानी से संक्रमित कर सकती हैं. इससे ही अधिकतर बच्चे इस बदलते मौसम में बीमार होते हैं.
बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के घरेलू टिप्स

अजवाइन का पानी पानी पिलांए
सर्दी, खांसी और जुकाम होने पर छोटे बच्चे को दिन में दो से चार चम्मच अजवाइन का पानी पिलाएं. सबसे पहले एक बड़े चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में अच्छी तरह से उबाल लें. जब पानी आधा रह जए तो उसे थोड़ी थोड़ी देर में दिन में तीन से चार बार बच्चे को पिलाएं. यदि आपका बच्चा बड़ा है तोछोटा आधा कप अजवाइन का पानी पिलाएं. अजवाइन के पानी से बच्चों की परेशानी दूर होगी.
हल्दी वाला दूध पिलाएं
सर्दी, ज़ुकाम और खानी होने पर बच्चे को दूध में हल्दी मिलाकर पिलाएं. दूध में हल्दी डालकर गर्म कर लें और गुनगुना ही बच्चे को पिलाएं. अगर, इसके लिए कच्ची हल्दी का इस्तेमाल करेंगे तो और भी बेहतर होगा. इससे बच्चों को सर्दी, जुकाम और खांसी में राहत मिलेगी.
बच्चों के हाथ बार-बार धुलवाएं
बारिश में सबसे जरूरी है कि, खुद और बच्चों की साफ सफाई का ख्याल रखें. इसलिए बच्चों के हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धुलवाएं. हाथ कम से कम 20 सेकंड तक धोएं. यदि आपका बच्चा छोटा है. तो उसकी मदद करके हाथ धुलवाएं. यदि साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है तो हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें. जिससे जुकाम पैदा करने वाले वायरस धुल जाएंगे. इसके साथ ही स्वयं भी नियमित अच्छी तरह अपने हाथ हाथ धोएं.
न छुएं खुले अंग
अक्सर करके देखा जाता ता है कि, बच्चे संक्रमण के एंट्री प्वॉइंट के बारे में नहीं जानते हैं. इसलिए तो बच्चे बार बार छूने से मना करके बाद भी बिना हाथ धुले हर अपनी आंख, नाक और मुंह को छूते हैं. जिससे ही उन्हें बीमारियों घेरती हैं. क्योंकि, बच्चों में सर्दी जुकाम पैदा करने वाले वायरस मुंह, नाक और कान से बच्चों के शरीर में प्रवेश करके उन्हें बीमार करते हैं.
सेहत में सुधार न होनें पर डॉक्टर से लें परामर्श
- बीमार बच्चे की सेहत में यदि दस दिन में सुधार नहीं हो तो चिकित्सक से परामर्श लें.
- यदि बीमार बच्चे में बीमारी के लक्षण गंभीर या असामान्य दिखें तो चिकित्स कसें मिलें.
- यदि आपका बच्चा तीन महीने से कम उम्र का है. और उसे बुखार है या वह सुस्त है.
यह हैं बच्चों में फ्लू के लक्षण
- बुखार आना.
- ठंड लगना.
- मांसपेशियों में दर्द.
- शरीर में दर्द महसूस होना.