नई दिल्ली.
देश की राजधानी दिल्ली में प्री एनेस्थीसिया क्लीनिक की आड़ में किडनी रैकेट चल रहा था. बुधवार को राजधानी की दक्षिणी जिला पुलिस ने किडनी रैकेट का भंडाफोड करके चिकित्सक समेत दस गिरफ्तार किया है. यह रैकेट जरूरतमंद लोगों को रुपए का झांसा देकर किडनी खरीदता था. जिसे मोटी कीमत पर दूसरे जरूरतमंदों को बेचता था. गिरोह में शामिल सभी लोगों से पूछताछ करके उनके नेटवर्क की परतें खंगाली जा रही हैं.
दक्षिणी जिला पुलिस डीसीपी बेनिता मैरी जैकर बताते हैं कि, 26 मई 2022 को पहली बार किडनी रैकेट की जानकारी मिली थी. इस पर पुलिस टीमों ने जांच की. जिसमें दिल्ली से लेकर गुहाना तक किडनी रैकेट के तार जुड़े मिले. पुलिस ने किडनी रैकेट की कडिया जोड़ते हुए एक-एक करके दस आरोपियों को दबोचा है.

दक्षिणी जिला पुलिस डीसीपी बेनिता मैरी जैकर बताते हैं कि, वीआईपी हौजखास में प्री एनेस्थीसिया जांच क्लीनिक की आड़ में किडनी खरीद-फरोख्त का खेल चल रहा था. गिरफ्तार आरोपियों में सर्वजीत जलवाल, शैलेश पटेल, मोहम्मद लतिफ, विकास, रणजीत गुप्ता, डॉ. सोनू रोहिल्ला, डॉ. सौरभ मित्तल, कुलदीप राय विश्वकर्मा उर्फ केडी, ओम प्रकाश शर्मा और मनोज तिवारी शामिल हैं. सभी से पूछताछ में कई चौंकाने वाली बातें समाने आईं हैं. जिनकी तस्दीक की जा रही है.
कई पीड़ितों के नाम आए सामने, जांच जारी
दक्षिणी जिला पुलिस डीसीपी बेनिता मैरी जैकर बताते हैं कि, अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला कि, वे गुजरात निवासी रघु शर्मा, असम निवासी दिवाकर सरकार, पश्चिम बंगाल निवासी अश्विनी पांडेय और केरल के कोच्चि निवासी रिजवान समेत 16 पीड़ितों को जाल में फंसाकर उनकी किडनी निकाल चुके हैं. इन सभी लोगों की किडनी इसके बाद दिल्ली निवासी जतीन चावला को महंगी कीमत पर बेची हैं. अभियुक्तों ने सोशल मीडिया पर किडनी डोनर नाम का पेज बनाया था. जिसके जरिए किडनी
रैकेट गिरोह जरूरतमंदों से संपर्क करता था.
यूं जुटे किडनी रैकेट गैंग के सदस्य
अभियुक्तों ने पूछताछ में खुलासा किया कि, आरोपी सर्वजीत व शैलेश पटेल लोगों को लालच देकर किडनी डोनेट करने के जाल फंसाते थे. आरोपी मोहम्मद लतिफ, किडनी स्कैन होने वाले स्कैनिंग सेंटर में काम करता है. आरोपी विकास और रणजीत लोगों को हरियाणा के गुहाना में डॉ. सोनू गुहाना के जांच केंद्र पर ले जाते थे. वहीं पर किडनी निकाली जाती थी और महंगी कीमत पर बेची जाती थी. डॉ. सौरभ मित्तल दिल्ली के एक जाने-माने अस्पताल में नौकरी करता है. आरोपी कुलदीप, ओम प्रकाश व मनोज ऑपरेशन थिएटर में काम करते थे.