शादी के बंधन में बंधने के बाद हर कपल का सपना परिवार बढ़ाने का होता है. कपल्स चाहते हैं कि, प्रेग्नेंसी में प्रेग्नेंट महिला खुश और हेल्दी रहे. इसके साथ ही घर में हेल्दी शिशु की किलकारी गूंजे. प्रेग्नेंसी में महिलाएं जब चिकित्सक के पास जाती हैं. चिकित्सक छोटी छोटी बातें प्रेग्नेंट वुमैन से करते हैं. जिससे उन्हें प्रेग्नेंट वुनैन की दिनचर्या का पता चल सके. प्रेग्नेंसी में चिकित्सक जहां साफ-शुद्ध खाने, पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स लेने, वर्कआउट करने और अनहेल्दी चीजों से दूर रहने की सलाह देते हैं.
mobycapsule.com ने आगरा की वरिष्ठ स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. सरोज सिंह से बात की. उन्होंने प्रेग्नेंसी में प्रेग्नेंट वुनैन को रात को अच्छी नींद लेने की सलाह दी. कहा कि, ऐसी गर्भवती महिलाएं, जो पेट के बल सोना पसंद करती हैं. उन्हें अपनी आदत में बदलाव लाना होगा. इस आर्टिकल में वरिष्ठ स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. सरोज सिंह ने प्रेग्नेंसी में गर्भवती के सोने की पोजिशन के टिप्स् बताए हैं. इसलिए यह आर्टिकल पूरा जरुर पढ़ें.
प्रेग्नेंसी में गर्भवती का बाईं करवट से सोना फायदेमंद

एसएन मेडिकल कॉलेज की पूर्व प्राचार्य व वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सरोज सिंह बताती हैं कि, प्रेग्नेंसी में महिलाओं को बाईं करवट से सोना चाहिए. इस सोने की पोजिशन में घुटने मोड़कर भी रखकर सकती हैं. यह प्रेग्नेंसी में सबसे आरामदायक पोजिशन है. क्योंकि, हमारा लिवर पेट के दाहिने ओर होता है. इसलिए बाईं करवट से सोने से आपके इस अंग को आराम मिलता है. जिससे यह बेहतरीन तरह से काम करता है.
बाईं करवट से सोने के फायदे
एसएन मेडिकल कॉलेज की पूर्व प्राचार्य व वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सरोज सिंह बताती हैं कि, बाईं करवट से सोने से दिल का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है. जिससे गर्भस्थ भ्रूण, यूट्रस, गुर्दे और इंफ्रीरियर वेना कावा में रक्त का प्रवाह बेहतर रहता है. इंफ्रीरियर वेना कावा इंसानी शरीर की सबसे बड़ी नस है. जो हमारे पेट के नीचे वाली वॉल के पास होती है. इसके साथ ही हमारे शरीर की सबसे बड़ी धमनी के दाई ओर होती है.
कब पोजिशन बदलने से होती है परेशानी

एक्सपर्ट बताते हैं कि, वैसे तो सोने की पोजिशन बदलने में कोई दिक्कत नहीं है. मगर, जब अचानक से अपनी पीठ के बल सोने या फिर दाईं करवट से सोने से आपको उठने में देरी लगती है. यदि आप गर्भवती अपनी सोने की पोजिशन को लेकर असहज महसूस करती हैं तो तीसरे और आखिरी ट्राइमस्टर में उन्हें पीठ के बल सोने में दिक्कत महसूस होगी.
इन पोजिशन में गर्भवती सोने से बचें
एक्सपर्ट बताते हैं कि, गर्भवती महिलाएं दूसरे और तीसरे ट्राइमस्टर के दौरान पीठ के बल न सोएं. क्योंकि, पीठ के बल सोने से आपका पूरा वजन यूट्रस, बच्चे की पीठ, आंतों और शरीर की सबसे बड़ी नस पर पड़ता है. इससे पीठ में दर्द और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं होने की संभावना अधिक रहती है. जिसकी वजह से अन्य परेशानी हो सकती है. लो ब्लड प्रेशर भी हो सकता है. थकान भी महसूस होगी.