MBBS Seats 2025: देश में मौजूदा सत्र से ही मेडिकल में यूजी और पीजी की आठ हजार सीट बढ़ेंगी. मेडिकल की सीटों को लेकर NMC चीफ डॉ. अभिजात शेठ का बड़ा बयान सामने आया है. ये बयान देश में डॉक्टर बनने का सपना देख रहे छात्रों के लिए बड़ी राहत वाला है.
नई दिल्ली.
MBBS Seats 2025: देश में चिकित्सा के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में इस सत्र से ही 8000 सीट बढ़ाए जाने की उम्मीद है. इस बारे में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के प्रमुख डॉ. अभिजात शेठ ने नया अपटेड जारी किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि मेडिकल की यूपी और पीजी सीटें बढ़ाने को लेकर चिकित्सा महाविद्यालयों का मूल्यांकन किया जा रहा है.
बता दें कि देश में राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2025 के लिए काउंसलिंग शुरू हो चुकी है. काउंसलिंग का पहला चक्र पूरा हो चुका है. अब काउंसलिंग का दूसरा चक्र 25 अगस्त तक शुरू होने की उम्मीद है. ऐसे में इस वर्ष जुलाई में सीबीआई की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के अधिकारियों, बिचौलियों और निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों के एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किए जाने के बाद आशंका थी कि इस शैक्षणिक सत्र में चिकित्सा पाठ्यक्रमों की सीटों की संख्या में कमी आएगी. ये अधिकारी कथित तौर पर भ्रष्टाचार और चिकित्सा महाविद्यालयों को नियंत्रित करने वाले नियामक ढांचे में गैर कानूनी तरीके से हेरफेर सहित कई गंभीर कृत्यों में संलिप्त थे.

फिलहाल कितनी सीटें हैं?
श्रेणी | कुल सीटें | सरकारी कॉलेज | निजी कॉलेज |
UG (MBBS) | 1,18,098 | 59,782 | 58,316 |
PG | 53,960 | 30,029 | 23,931 |

MBBS Seats 2025: इनोवेशन, इंटीग्रेशन और इंप्लीमेंटेशन विजन पर काम
देश में एनएमसी का विजन इनोवेशन, इंटीग्रेशन और इंप्लीमेंटेशन है. इस बारे में नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के प्रमुख डॉ. अभिजीत शेठ ने बताया कि देश में मौजूदा शैक्षणिक सत्र में स्नातक (MBBS) और स्नातकोत्तर (PG) स्तर पर लगभग 8,000 नई मेडिकल सीटें बढ़ाई जा सकती हैं. एनएमसी की ओर से मेडिकल शिक्षा में नई तकनीकों और डिजिटल सॉल्यूशन्स के माध्यम से इनोवेशन को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके साथ ही सरकारी और निजी अस्पतालों के क्लिनिकल संसाधनों का बेहतर उपयोग कर इंटीग्रेशन मजबूत होगा. किए गए हर सुधार को जमीनी स्तर पर सख़्ती से लागू कर इंप्लीमेंटेशन सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक मेडिकल शिक्षा मिल सके.