नई दिल्ली / जम्मू.
दुनियां में मंकीपॉक्स कहर मचा रह है. सबसे यूरोप के कई देशों समेत अमेरिका, आस्ट्रेलिया में मंकीपाक्स के मरीज मिलने पर भारत सरकार भी सतर्क हो गई है. भारत सरकार की ओर से इस बीमारी के मामले बढने पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजारी जारी की है. इसके बाद जम्मू कश्मीर के स्वास्थ्य विभाग जम्मू ने सभी को अलर्ट कर दिया है. इसलिए जिन देशों में मंकीपॉक्स के मरीज मिले हैं. उन देश से आने वाले यात्रियों का टेस्ट करवाने के निर्देश दिए हैं.
एपीडेमालोजिस्ट डॉ. हरजीत राय बताते हैं कि, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखकर तमाम देशों में मंकीपॉक्स के मामले मिले हैं. यह बीमारी बंदरों में पहली बार मिली थी, जो लोगों में भी फैल रही है. गनीमत यह है कि, अभी तक भारत में मंकीपॉक्स का मामला नहीं मिला है.
भारत सरकार ने जारी की यह एडवाजारी की
केंद्र सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी में निर्देश दिए गए हैं कि, मंकीपॉक्स से प्रभावित देश से कोई व्यक्ति आ रहा है. उसमें यात्री में किसी भी प्रकार का लक्षण हैं तो उसे आइसोलेट करें. उसका सैंपल लेकर जांच कराएं. अगर कोई संक्रित आता है तो उसके संपर्क में आने वालों की तलाश की जाए. सतर्कता और सजगता से मंकीपॉक्स का संक्रमण रोका जा सकता है. इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. सिर्फ जागरूक बनें.
मंकीपॉक्स बीमारी एक
मंकीपॉक्स में बुखार, त्वचा में रैश और कई तरह की स्वास्थ्य परेशानियां होती हैं. इसके लक्षण दो से चार सप्ताह तक रहते हैं. इस बीमारी का वायरस कटी हुई त्वचा, श्वास नाली, नाक, मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है. मंकीपॉक्स बीमारी अधिकतम 21 दिनों तक रहती है. संक्रमित के संपर्क में आने वाले लोगों में बीमारी का संक्रमण फैलता है. इसलिए स्मॉल पॉक्स की तरह ही मंकीपॉक्स के मरीज हो भी आइसोलेशन में रखें.
भारत सरकार ने अलर्ट और एडवाजरी जारी की
दुनिया में मंकीपॉक्स के मिल रहे मरीजों को लेकर भारत सरकार भी सतर्क हो गई है. भारत सरकार ने दिल्ली एयरपोर्ट, मुम्बई एयरपोर्ट और अन्य एयरपोर्ट पर मंकीपॉक्स के मरीज मिलने वाले देश और अफ्रीकी देशों से आने वाले यात्रियों पर नजर रखी जा रही है. संदिग्ध मरीजों का सैंपल लेकर पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में जांच के लिए भेजे जाएंगे.