पटना / नई दिल्ली.
बिहार की माताएं अधिक जागरुक हैं. इसलिए तो बिहार के बच्चे यूपी और झारखंड से अधिक अपनी मां का दूध पीते हैं. यह खुलासा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट में हुआ है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुतरबिक, जन्म के पहले घंटे में बिहार के 31 प्रतिशत नवजात मां का दूध पीते हैं. जबकि, उत्तर प्रदेश में 23.8 प्रतिशत और झारखंड में 21.5 प्रतिशत नवजात ही दूध पीते हैं. इससे साफ है कि, बिहार में जन्म और उसके बाद लगातार माताएं अपने शिशु को स्तनपान कराती हैं. जिससे ही बिहार के शिशु मां का दूध पीने में आगे हैं.
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में 95 प्रतिशत बच्चों को मां का दूध मिलता है. इस मामले में भी उत्तर प्रदेश पीछे है. यूपी में 94.8 प्रतिशत नवजात को जन्म और उसके बाद मां का दूध मिलता है. इतना ही नहीं, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ भी बच्चों को स्तनपान कराने के मामले में बिहार से पीछे है. चंडीगढ़ की बात करें तो यहां पर जन्म से लेकर आगे तक 89.1 प्रतिशत बच्चों को ही मां का दूध पीने को मिला.

मां का दूध इम्यूनिटी बूस्टर
मां का दूध नवजात और बच्चों के लिए इम्यूनिटी बूस्टर होता है. मां के दूध में खूब एंटीबॉडीज और व्हाइट ब्लड सेल्स होती हैं. जो, बच्चों को इयर इनफेक्शन, एलर्जी, डायरिया, निमोनिया, मेनिनजाइटिस, यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन और सर्टेन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम से दूर रखता है. आगरा के वरष्ठि नवजात एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्वनी यादव कहते हैं कि, मां का दूध नवजात और बच्चे के लिए अमृत है. जन्म के तुरंत बाद आने वाला मां का पीला गाढ़ा दूध बीमारियों से लड़ने वाले एंटीबॉडीज से भरपूर होता है. नवजात को यह दूध जरूर पिलाएं. छह माह तक शिशु को मां का ही दूध पिलाएं. यह बच्चे के लिए औषधि का काम करता है. जिससे बच्चे की इम्यूनिटी पावर मजबूत होती है. ब्रेस्टफीडिंग से बच्चों के ब्रेन डेवलपमेंट बेहतर होता है.
बिहार में सरकारी अस्पताल दूध बोतल मुक्त जोन घोषित होंगे
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट की रिपोर्ट के बाद अब स्तनपान पर विशेष जोर दिया जा रहा है. इसलिए पूरे बिहार के सभी सरकारी अस्पताल दूध की बोतल मुक्त परिसर घोषित होंगे. इस बारे में राज्य स्वास्थ्य समिति ने दिशा निर्देश सभी जिलों के जिम्मेदार चिकित्सकों को दिए हैं. सभी प्रसव केंद्रों पर स्वास्थ्यकर्मी स्तनपान के फायदों की जानकारी हर प्रसूता को देंगे. इतना ही नहीं, बिहार के हर अस्पताल में स्तनपान कक्ष निर्माण बनाया जाएगा. जो ओपीडी के पास होगा. जिसमें यूनिसेफ मदद सरकार लेगी.