पटना / नई दिल्ली.
अफ्रीकन मूल से सात हजार किलोमीटर दूर बिहार और पश्चिम बंगाल पहुंची नैरोबी मक्खियों ने दहशत फैला दी है. सिक्कम और पश्चिम बंगाल के बाद बिहार में पहुंची इन नैरोबी मक्खियों ने समीपवर्ती जिलों में लोग की परेशानी बढ़ा दी है. जिन लोगों के शरीर पर यह मक्खियां बैठ रही हैं. वहां जहरीला पदार्थ छोड़ रही हैं. जिससे उस जगह तेज खुजली, लाल चकते और घाव बन रहे हैं. विशेषज्ञों की मानें तो नैरोबी मक्खियों के आंग पर बैठने से रोशनी जाने का भी खतरा रहता है. इधर, बिहार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डॉ. डीके गुप्ता का कहना है कि, नैरोबी मक्खियों के बारे में सभी संबंधित जिलों से जानकारी मांगी है. इसके बाद विभागीय स्तर पर उपाय किए जाएंगे. इन मक्खियों के अन्य राज्यों में फैलने की आशंका भी है.
अफ्रीकन मूल की है मक्खी
बता दें कि, नैरोबी फ़्लाई (नैरोबी मक्खी) अफ्रीकन मूल की है. जो सात हजार किलोमीटर दूर से यहां पर आई है. यह नैरोबी मक्खियां अफ्रीका से सिक्कम और उत्तर बंगाल होकर अब बिहार में प्रवेश कर चुकी हैं. इन मक्खियों की चपेट में आने से किशनगंज के पोठिया प्रखंड में एक महिला संक्रमित हुई है.इस बारे में किशनगंज के सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर प्रसाद बताते हैं कि, पीड़ित महिला की जांच कराई गई है. उसे सदर अस्पताल से दवाइयां दी गई हैं. अभी महिला मरीज की स्थिति में सुधार है. अभी इन मक्खियों से और कितने लोग बीमार हुए हैं. इसकी जानकारी नहीं हो पा रही है.
दिखती हैं चींटी जैसी, मगर उड़ती हैं नैरोबी मक्खी
दरअसल, नैरोबी मक्खी वैसे तो चींटी की तरह दिखती हैं. मगर, यह उड़ती हैं. इसलिए इन्हें ‘ड्रैगन बग’ भी कहते हैं. नैरोबी मक्खी काले और लाल रंग की होती हैं. इनकी लंबाई 6-10 मिमी और चौड़ाई 0.5-1.0 मिमी होती है. यह मक्खियां फ्लोरोसेंट रोशनी के प्रति आकर्षित होती हैं.
मसलने पर नैरोबी मक्खियां ‘पेडरिन’ छोडती हैं जहरीला पदार्थ
बता दें कि, नैरोबी मक्खियां किसी भी इंसान को काटती नहीं हैं. लेकिन, ये मक्खियां शरीर पर चिपकती हैं. इसलिए इन्हें छूना नहीं चाहिए. छूने या मसलने पर नैरोबी मक्खियां ‘पेडरिन’ नाम का एसिड जैसा जहरीला पदार्थ शरीर पर छोड़ती हैं. यही पेडरिन हानिकारक रसायन है. जो त्वचा के संपर्क में आने से जलन पैदा करता है. वैसे देखा जाए तो इन मक्खियों का अब तक जानवरों या फसलों पर प्रभाव को लेकर बिहार में कोई अध्ययन नहीं किया गया है. यह मक्खियां औसतन 14 किलोमीटर प्रतिदिन की रफ्तार से उड़ती हैं.
नैरोबी मक्खियों से बचाव और उपचार
- शरीर पर बैठने या चिपकने पर मसलें नहीं, फूंक मारकर उड़ाएं.
- अगर शरीर पर चिपक जाए तो उस जगह को ठंडे पानी से धोएं.
- तत्काल साबुन से अच्छी तरह मक्खी बैठने वाली त्वचा साफ करें.
- मक्खी के इलाज में त्वचा पर मलहम और एंटी एलर्जिक दवाएं लें.