मातृत्व सुरक्षा को लेकर सरकार हर संभव प्रयास कर रही हैं. इस पर सरकार व स्वास्थ्य विभाग का पूरा जोर है. गर्भवती महिलाओं की देखभाल खास रखनी चाहिए. जिससे जच्चा और बच्चा का स्वास्थ्य बेहतर रहेगा. ऐसा करने से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर न्यूनतम स्तर पर लाई जा रही है. इसलिए प्रसव पूर्व जरूरी जांच कराएं. जिससे गर्भवती खुद के साथ गर्भस्थ शिशु को भी सुरक्षित बनाएं रखें.
राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस विशेष पर mobycapsule.com की खबर में यह बताने जा रहे हैं कि, महिला के पहली बार गर्भवती होने पर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत तीन किश्तों में 5000 रुपए दिए जाते हैं. इसके साथ ही जननी सुरक्षा योजना व मुफ्त एम्बुलेंस की सुविधा भी जच्चा-बच्चा को मिलती है.
इस बारे में आगरा के सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव बताते हैं कि, गर्भवती की प्रसव पूर्व मुफ्त जांच प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर माह की नौ तारीख होती है. हर स्वास्थ्य केन्द्र पर यह व्यवस्था है. सभी स्वास्थ्य केंद्र पर विशेषज्ञ चिकित्सक ही गर्भवती की सम्पूर्ण जांच नि:शुल्क होती है. गर्भवस्था और उससे पहले ही हर जटिलता पर नजर रखी जाती है.
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि, जो महिलाएं पहली बार गर्भवती होती हैं. उन्हें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत सही पोषण और उचित स्वास्थ्य देखभाल को तीन किश्त में 5000 रुपए प्रदान किए जाते हैं. संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने को जननी सुरक्षा योजना पर जोर है. जननी सुरक्षा योजना के तहत सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर ग्रामीण महिलाओं को 1400 रुपए और शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपए दिए जाते हैं.
गर्भवती की सच्ची सहेली बनी आशाएं
आरसीएच डॉ. संजीव वर्मन बताते हैं कि, जच्चा-बच्चा स्वस्थ और सुरक्षित रहें. इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही हैं. बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में आशा कार्यकर्ता की अहम् भूमिका है. गर्भवती खानपान का खास ख्याल रखना चाहिए. हरी सब्जी और फल खिलाएं. चिकित्सक के परामर्श पर आयरन और कैल्शियम की गोलियों का सेवन जरूर करें. देखा जाए तो आशा कार्यकर्ता गर्भ का पता चलते ही गर्भवती का स्वास्थ्य केंद्र पर पंजीकरण कराती हैं. उन्हें जागरुक करती और सावधानियां भी बताती हैं. कहें तो आशा इस मामले में हर गर्भवती की सच्ची सहेली के रूप में काम कर रही हैं.
2003 में शुरू हुआ था राष्ट्रीय मातृत्व दिवस
व्हाइट रिबन एलाइंस इंडिया (WRAI) ने मातृत्व सुरक्षा की अनोखी पहल की. सुरक्षित मातृत्व के लिए भारत सरकार ने 2003 में 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाने की घोषणा की थी. तभी से हर साल भारत में 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जाता है.