घर में किलकारी गूंजी है. अब नन्हीं जान की देखभाल बहुत जरूरी है. इसमें सबसे अहम नवजात को मां का दूध पिलाना है. नन्हीं जान सोती बहुत है. ऐसे में उसे मां का स्तनपान कराने के लिए जगाना जरूरी है. क्योंकि, नन्हीं जान अपनी परेशानी न किसी को बता सकते हैं और न ही से जाहिर कर सकते हैं. जो कपल अभी नए नए मां बाप बने हैं. उनके लिए यह खबर बहुत जरूरी है. क्योंकि, वे संकोच बस अपनी परेशानी किसी को बता सकते हैं. अधिकतर कपल्स को यह भी पता नहीं होता है कि, नन्हीं जान को सोते में स्तनपान कराना नुकसानदायक है.
mobycapsule.com ने यह आर्टिकल उन पेरेंटस के लिए तैयार कराया है. जिसमें यह बताया जा रहा है कि, नन्हीं जान को कभी भी सोते में ब्रेस्टफीडिंग न कराएं. पहले शिशु को जगाएं और फिर शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराएं. कई बार मां अपने शिशु को सोने में और सोते सोते ही ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं. जिससे नवजात का स्वास्थ्य खराब हो सकता है. इसलिए हमेशा शिशु को नींद से जाकर ब्रेस्टफीडिंग करवाएं.
वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्वनी यादव बताते हैं कि, शिशु को हर 2-3 घंटे में दूध पिलाएं. शिशु को बाहर का दूध पिलाने से परहेज करें. क्योंकि, मां का दूध पौष्टिक होता है. जो आसानी से पच जाता है. यदि शिशु को समय पर दूध न पिलाएं तो पेट खाली होने से पेट में गैस और दर्द भी हो सकता है. इसलिए समय पर शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराने से उसकी सेहत अच्छी रहती है.